दिल्ली में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने एक नहीं बल्कि दो रिकॉर्ड तोड़े हैं. आइए आपको आंकड़ों के जरिए समझा रहे है कि कैसे तेजी के साथ यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है. 12 जुलाई को सुबह 9:00 बजे यमुना नदी दिल्ली में खतरे के निशान से करीब दो मीटर ऊपर बह रही थी. तेजी से बढ़ते जलस्तर की वजह से निचले इलाकों में पानी तेजी से घुस रहा था. इस बीच सवाल उठा कि क्या दिल्ली में 45 साल पुराना 1978 का रिकॉर्ड टूटेगा?
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से हर घंटे एक से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. 12 जुलाई को रात 1:00 बजे से लेकर 12 जुलाई की रात 8:00 बजे तक हथिनी कुंड बैराज से 30 लाख 70 हजार क्यूसेक से ज़्यादा पानी छोड़ा गया है. दरअसल, 6 सितंबर 1978 को 'मैक्सिमम फ्लड लेवल' 207.49 मीटर दर्ज हुआ था. सुबह नौ बजे पुराना रेलवे पुल पर 207.32 मीटर यमुना का जल स्तर दर्ज हुआ था. सुबह नौ बजे हाथिनीकुंड बराज से यमुना में एक लाख 53 हजार 768 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
आपको बता दें कि हरियाणा के हथिनी बैराज कुंड से जो पानी छोड़ा जाता है उसको दिल्ली पहुंचने में 24 घंटे का समय लगता है. इसका अर्थ यह हुआ कि दिल्ली में खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि जो पानी 12 जुलाई को छोड़ा गया है, वह दिल्ली में 13 जुलाई तक पहुंचेगा.
दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर ने सबसे पहला रिकॉर्ड 12 जुलाई की सुबह 10:00 बजे तोड़ा है. सुबह 10 बजे यमुना का जलस्तर 207.37 मीटर दर्ज हुआ, जिसने 2013 के 207.32 मीटर रिकॉर्ड को तोड़ दिया. इसके बाद दिल्ली के निचले इलाकों में तेजी से पानी घुसपैठ करने लगा. सिग्नेचर ब्रिज से लेकर कश्मीरी गेट तक के इलाकों में लोग अपने घर का सामान पैक करने लगे. यमुना नदी के घाटों पर चल रहे निर्माण कार्य को अंजाम देने वाले मजदूर अपना सामान पैक करके अपने घर उत्तर प्रदेश की तरफ रवाना होने लगे. इस दौरान सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि जानवरों को भी परेशानी झेलनी पड़ी. कश्मीरी गेट के नजदीक मौजूद गौशाला में भी पानी का भराव हो गया.
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पहला रिकॉर्ड टूटने के महज तीन घंटे बाद दिल्ली का 45 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया. 12 जुलाई की दोपहर 1:00 बजे दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 207.55 दर्ज हुआ. छह सितंबर 1978 को 'अधिकतम फ्लड लेवल' 207.49 मीटर दर्ज हुआ था. 45 साल का रिकॉर्ड टूटने के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इमरजेंसी बैठक भी बुलाई. इस बैठक में दिल्ली सरकार के तमाम मंत्री, दिल्ली की मेयर और रेवेन्यू समेत फ्लैट डिपार्टमेंट के बड़े अधिकारी मौजूद रहे.
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी. अरविंद केजरीवाल ने गृहमंत्री से कहा कि दिल्ली में तीन दिन से बारिश नहीं हुई, फिर भी यमुना का स्तर बढ़ रहा है. हथिनीकुंड से लगातार पानी छोड़ने की वजह से जलस्तर बढ़ रहा है. हथिनीकुंड से सिमित स्तर पर पानी छोड़ा जाए, जिससे यमुना का जलस्तर और न बढे. दिल्ली में G20 शिखर सम्मलेन होना है, दिल्ली में बाढ़ आई तो दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा.
लगातार दो रिकॉर्ड टूटने के बाद यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा. 12 जुलाई की शाम 4:00 बजे दिल्ली यमुना का जलस्तर 207.71 मीटर दर्ज हुआ. वहीं, दिल्ली में शाम 7:00 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2.5 मीटर ऊपर पहुंच गया.
शाम सात बजे पुराना रेलवे ब्रिज पर यमुना का जल स्तर 207.83 मीटर दर्ज हुआ. बता दें कि यमुना नदी का डेंजर लेवल 205.33 मीटर है.
साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा जारी फ्लड रिपोर्ट के मुताबिक 12 जुलाई की शाम तक दिल्ली में 16 हजार 564 लोगों को यमुना नदी से सटे निचले इलाकों से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया. दिल्ली के छह जिलों में 12 टीमें भी तैनात की गई हैं. सेंट्रल वाटर कमीशन के अनुमान के मुताबिक 13 जुलाई को सुबह चार से छह बजे तक यमुना नदी का जलस्तर करीब 208 मीटर तक पहुंचने की उम्मीद है. वहीं ओल्ड यमुना ब्रिज पर यातायात पर प्रतिबंध जारी रखने का फैसला लिया गया है.
बोट क्लब, मोनेस्ट्री मार्केट, पुराने रेलवे ब्रिज के पास नीली छत्री मंदिर, यमुना बाजार, गीता घाट, नीम करोली गौशाला, विश्वकर्मा और खड्डा कॉलोनी, गढ़ी मांडू, मजनू का टीला से वजीराबाद तक का क्षेत्र शामिल है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के निचले क्षेत्र उस्मानपुर, बदरपुर खादर में यमुना के पास वाले इलाकों में लोग अपने घरों को खाली कर दें. इसके अलावा डीएनडी, मयूर विहार, जगतपुर में मेन पुश्ता रोड, सराय काले खां पर भेलोपुर, श्मशान घाट, जैन मंदिर, ग्यासपुर और मिलेनियम डिपो के आस-पास बसी झुग्गियों को खाली कर दें.
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखने के कुछ देर बाद उनके पास केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का फोन आया था. उन्होंने बताया कि हथिनीकुंड सिर्फ बैराज है और उसके पीछे कोई रिजर्वायर (जलाशय) नहीं है. वहां पानी को रोकने की कोई सुविधा नहीं है. इसलिए पानी रोका नहीं जा सकता. उन्होंने यह भी बताया कि अब हिमाचल प्रदेश से आने वाला पानी कम होने लगा है और आने वाले एक-दो दिन में स्थिति में सुधार आ जाएगा.
दिल्ली सरकार ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों तक पहुंचने के लिए 50 बोट का इंतजाम किया है. इन सभी बोट्स को पल्ला से लेकर ओखला बैराज तक दो-दो किलोमीटर की दूरी पर तैनात किया गया है. साथ ही दिल्ली के अलग-अलग छह जिलों, इनमें नॉर्थ, शाहदरा, नॉर्थ ईस्ट, ईस्ट, सेंट्रल और साउथ ईस्ट दिल्ली में दो हजार सात सौ से ज्यादा राहत कैंप लगाए गए हैं.