जलवायु पर‍िवर्तन: मत्स्य पालन क्षेत्र को 'प्रदूषण मुक्त' रखने के लि‍ए केंद्र सरकार उठाएगी कदम

जलवायु पर‍िवर्तन: मत्स्य पालन क्षेत्र को 'प्रदूषण मुक्त' रखने के लि‍ए केंद्र सरकार उठाएगी कदम

सागर मेहरा ने कहा कि देश मछली पालन के क्षेत्र में अक्षय उर्जा के  अधिक से अधिक इस्तेमाल के  लिए दृढ संकल्पित रहा है. भारत मत्स्य पालन के क्षेत्र में ग्लोबल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले भारत अब भी पीछे हैं,

मत्स्य पालन के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का असर    फोटोः किसान तकमत्स्य पालन के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का असर फोटोः किसान तक
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 22, 2023,
  • Updated Feb 22, 2023, 7:14 PM IST

जलवायु परिवर्तन का असर हर क्षेत्र में हो रहा है. कृषि के अलावा अब मत्स्य पालन का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है.  मत्स्य पालन के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन को लेकर आ रही समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार भी गंभीर दिखाई दे रही है और इससे निपटने की उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है. समुद्र के बढ़ते जलस्तर और समुद्र तल के बढ़ते तापमान के कारण जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही है. इन समस्याओं के सामने आने के बाद केंद्र ने यह संकेत दिए हैं कि मस्त्य क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी. 

मत्स्य विभाग के संयुक्त सचिव सागर मेहरा ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए केंद्र सरकार कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि देश इस उपलब्धि को हासिल करने कि दिशा में नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इतना ही नहीं मत्स्य क्षेत्र को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त करने के लिए नए उपायों का इस्तेमाल किया जाएगा.मत्स्य क्षेत्र को और अधिक समृद्ध बनाने की दिशा में बात करते हुए अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि मछली पकड़ने की तकनीकों में और नये प्रयोग किए जाएंगे, नए सुधार लाए जाएंगे ताकि इस क्षेत्र को प्रदूषण से मुक्ति दिलाई जा सके. 

मछली पालन के क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंचामृत वाले पांच वायदे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में 2030 तक 500 गीगावाट गैर ईंधन ऊर्जा विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें से 50 प्रतिशत ऊर्जा की मांग फिलहाल पूरी की जा सके. सागर मेहरा ने कहा कि देश मछली पालन के क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा के अधिक से अधिक इस्तेमाल के लिए दृढ संकल्पित रहा है. भारत मत्स्य पालन के क्षेत्र में ग्लोबल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले भारत अब भी पीछे हैं, लेक‍िन, इसके बावजूद मछली पकड़ने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर बदलाव करने की पहल कर रहा है ताकि पर्यावरणीय समस्याओं का सामना किया जा सके.

केरल, तमिलनाडु और गुजरात के मछुवारों ने पेश किया उदाहरण

उन्होंने कहा कि केरल ने इस मामले में एक बेहतरीन उदारहण पेश किया है. यहां के किसानों ने मछली पकड़ने के लिए मछली पकड़ने वाले जहाजों के इंजन में बदलाव किया है.अब पेट्रोल की जगह मछुवारे प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं. गुजरात औऱ तमिलनाडु के किसान संगठनों ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं. लेक‍िन इस बदलाव की प्रक्रिया के लिए जागरूकता और शिक्षा की जरूरत होती है ताकि किसानों की समस्या का समाधान निकाला जा सके. 

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