देश की अलग-अलग मंडियों में प्याज का दाम लगातार गिरता जा रहा है. प्याज की गिरती कीमत से किसानों के बीच 'हाहाकार' मचा हुआ है. प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की कई मंडियों में किसानों को इतना भी दाम नहीं मिल रहा जिससे उनकी लागत की भरपाई हो सके. गिरते दाम से परेशान किसानों ने विरोध प्रदर्शन करके प्याज पर लगी हुई 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी को खत्म करने की मांग की है. बात करें प्याज की मंडियों में गिरते भाव की तो कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, एक सप्ताह (5 से 12 जनवरी 2025) में प्याज का औसत दाम 2088 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. यानी मात्र एक सप्ताह में 17 फीसदी तक कम हो गया है. इस गिरावट से किसान सरकार के खिलाफ गुस्से में हैं. ऐसे में आइए जानते हैं आज मंडियों में प्याज का ताजा भाव.
प्याज मंडी | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत | औसत कीमत |
लासलगांव (महाराष्ट्र) | 900 | 2500 | 1900 |
मनावर (मध्य प्रदेश) | 1800 | 2000 | 1900 |
सूरत (गुजरात) | 1000 | 2700 | 1850 |
गोलूवाला (राजस्थान) | 2000 | 2200 | 2200 |
हांसी (हरियाणा) | 1500 | 3000 | 2000 |
विल्थारारोड (उत्तर प्रदेश) | 2500 | 2600 | 2550 |
कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) | 3200 | 3400 | 3300 |
पुन्हाना (हरियाणा) | 2000 | 2000 | 2000 |
खंडवा (मध्य प्रदेश) | 700 | 1000 | 1000 |
अकोला (महाराष्ट्र) | 1500 | 2500 | 2000 |
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ के नेतृत्व में किसान लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति में विरोध प्रदर्शन करके प्याज पर लगी 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी को खत्म करने की मांग कर चुके हैं. संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले का कहना है कि इस समय किसानों को उत्पादन लागत से भी कम दाम मिल रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार के प्रति उनमें रोष है. दो दिन पहले इसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन के दौरान लासलगांव मंडी में किसानों ने प्याज की नीलामी बंद करवा दी थी. साथ ही महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ ने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र सरकार प्याज पर 20 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी खत्म नहीं करती है तो राज्य की सभी बाजार समितियों में प्याज की नीलामी रोक दी जाएगी और राज्यव्यापी सड़क और रेल नाकाबंदी की जाएगी.