प्याज के भाव में गिरावट होती नहीं दिख रही है. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी प्याज अपने भाव को बरकरार रखे हुए है. सरकारी एजेंसियों के जरिए खुले में प्याज बेचा जा रहा है, लेकिन उसकी सप्लाई उतनी नहीं है. साथ ही देश के कई राज्यों में खुदरा रेट लगातार पिछले 1 महीने से 60 से 80 रुपये किलो है. ऐसे में बढ़ोतरी के पीछे की असली वजह ये है कि मंडियों में ही प्याज महंगा बिक रहा है. ये हालत तब है जब मंडियों में प्याज की आवक तगड़ी बनी हुई है. लिहाजा, मान कर चलें कि जब तक मंडियों में प्याज सस्ता नहीं होता, तब तक खुदरा में भाव गिरने की गुंजाइश कम है. ऐसे में आइए जानते हैं आज कितना है प्याज का मंडी भाव.
अनाज मंडी | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत | औसत कीमत |
पुणे-खेड़ (महाराष्ट्र) | 2000 | 5000 | 3500 |
पुणे-पिंपरी (महाराष्ट्र) | 2800 | 4500 | 3650 |
बहराइच (उत्तर प्रदेश) | 3800 | 3975 | 3880 |
कुराली (पंजाब) | 3800 | 3970 | 3860 |
जयानकोंडम (तमिलनाडु) | 6000 | 7000 | 7000 |
गुड़गांव (हरियाणा) | 2000 | 4000 | 3000 |
कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) | 4500 | 4600 | 4500 |
मेट्टुपलायम (तमिलनाडु) | 6000 | 7000 | 7000 |
गढ़ शंकर (पंजाब) | 3000 | 3500 | 3300 |
मुकेरियन (पंजाब) | 4000 | 4400 | 4200 |
चवक्कड़ (केरल) | 6000 | 7000 | 7000 |
प्याज की कीमतें 5 साल की रिकॉर्ड ऊंचाई चल रही हैं. कारणों की बात करें तो एक्सपोर्ट में उछाल, मांग में तेजी, खराब मौसम है. वहीं, फसल के खराब होने और मार्केट में खराब प्याज के चलते मांग में तेजी आई है जिसकी वजह से कीमतें बढ़ी हुई हैं. वहीं, कुछ दिनों पहले एक्सपर्ट का मानना था कि दिसंबर के दूसरे हफ्ते में दाम में गिरावट आएगी. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि नए साल में भी प्याज के लिए लोगों को जेब ढीली करनी पड़ेगी. साथ ही व्यापारियों का भी मानना है कि मध्य दिसंबर से पहले प्याज के दाम में गिरावट आती नहीं दिख रही है.