
हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड (HSAMB) ने 2025 खरीफ खरीद सीजन के दौरान मिली गड़बड़ियों पर बड़ी कार्रवाई शुरू की है. करनाल, कैथल, अंबाला, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद और यमुनानगर जिलों के 39 मार्केट कमेटी सेक्रेटरी (SMC) को गंभीर आरोपों में चार्जशीट किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि कई मार्केट में अलग-अलग IP एड्रेस से गेट पास जारी किए गए थे, जिससे गड़बड़ियों का शक बढ़ गया.
जांच में पता चला कि गेट पास कई जगहों से बनाए गए थे, जिससे स्टॉक को सही तरीके से मॉनिटर और ट्रैक करना नामुमकिन हो गया था. फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई कई FIR, सस्पेंशन और जांच रिपोर्ट के बाद की गई है.
धान खरीद में सबसे गंभीर गड़बड़ियां करनाल जिले में पाई गईं. तरावड़ी में, SMC सेक्रेटरी संजीव सचदेवा पर आरोप है कि उन्होंने एक ही जगह पर कई राइस मिलों को धान स्टोर करने की इजाज़त दी. इससे मिल मालिकों के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन से बचना आसान हो गया. जांच में तीन मिलों से कुल 855 मीट्रिक टन धान की कमी का पता चला, जिसके बाद 30 अक्टूबर को FIR दर्ज की गई.
करनाल मंडी में कई IP एड्रेस से गेट पास भी जारी किए गए थे. मंडी सुपरवाइजर हरदीप और अश्विनी, और ऑक्शन रिकॉर्डर सतबीर को 24 अक्टूबर को सस्पेंड कर दिया गया था.
जांच में यह भी पता चला कि मार्केट सेक्रेटरी ने प्राइवेट लोगों को गेट पास जारी करने का काम दिया था. कई पास मार्केट के बाहर से जारी किए गए थे. इसके बाद 4 नवंबर को SMC करनाल आशा रानी और कर्मचारी पंकज तुली और यशपाल के खिलाफ FIR दर्ज की गई.
गड़बड़ी सिर्फ़ धान तक ही सीमित नहीं थी. कई मंडियों में बाजरे की खरीद में भी बड़े घोटाले सामने आए. कोसली मंडी में 22 अक्टूबर को अधिकारियों को पता चला कि स्टॉक से 4,655 क्विंटल बाजरा गायब था. अगले दिन, 10,046 क्विंटल रजिस्टर में दर्ज नहीं था. SMC कोसली नरेंद्र कुमार को 24 अक्टूबर को सस्पेंड कर दिया गया और 28 अक्टूबर को FIR दर्ज की गई.
वहीं कनीना में 4,935 क्विंटल बाजरा न तो मार्केट कमेटी के रजिस्टर में और न ही कमीशन एजेंट के रजिस्टर में रजिस्टर था. SMC कनीना मनोज प्रशर को 24 अक्टूबर को सस्पेंड कर दिया गया था. उनके खिलाफ FIR की सिफारिश 7 अक्टूबर से पेंडिंग है.
महेंद्रगढ़ मंडी के महेंद्रगढ़ जिले के सतनाली सब-यार्ड में 53,394.50 क्विंटल बाजरे की आवक और प्रस्थान में बड़ा अंतर पाया गया. यह अब तक की सबसे बड़ी अनियमितता थी. SMC महेंद्रगढ़ को 27 अक्टूबर को सस्पेंड कर दिया गया था, हालांकि FIR की कार्रवाई अभी भी पेंडिंग है.
अधिकारियों ने बताया कि 39 सेक्रेटरी को जारी की गई चार्जशीट जांच का पहला कदम है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और नाम सामने आ सकते हैं, और ज़िम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हरियाणा सरकार का कहना है कि खरीद प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और किसानों के हितों की रक्षा के लिए सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
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