Cotton Price: महाराष्‍ट्र की ज्‍यादातर मंडियों में कपास की कीमतें MSP से नीचे, इतना मिल रहा दाम

Cotton Price: महाराष्‍ट्र की ज्‍यादातर मंडियों में कपास की कीमतें MSP से नीचे, इतना मिल रहा दाम

देशभर में कपास का उत्‍पादन कम होने के बावजूद कपास की कीमतें बढ़ने का नाम नहीं ले रही हैं. महराष्‍ट्र की कई मंडियों में कपास की कीमतें एमएसपी से नीचे दर्ज की गईं. कपास की कम कीमत से किसान परेशान हैं. यही भाव मिलता रहा तो उनकी लागत निकलना भी मुश्किल हो जाएगी.

महाराष्‍ट्र की मंडियों में कपास का भाव एमएसपी से नीचे. (फाइल फोटो)महाराष्‍ट्र की मंडियों में कपास का भाव एमएसपी से नीचे. (फाइल फोटो)
प्रतीक जैन
  • Noida,
  • Nov 22, 2024,
  • Updated Nov 22, 2024, 12:45 PM IST

कपास की घटती कीमतों से किसान परेशान नजर आ रहे हैं. पिछले डेढ़ महीने में ही कपास का भाव एमएसपी से 700 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे गिर गया है. ऐसे में किसान च‍िंतित है कि उचि‍त दाम नहीं मिलने से उनकी लागत भी नहीं निकल पाएगी. पिछले तीन सालों से कपास का उत्‍पादन कम हो रहा है. बावजूद इसके किसानों को कम दाम पर उपज बेचनी पड़ रही है. सरकार की ओर से मीडियम स्टेपल कपास के लिए 7,121 रुपये प्रति क्विंटल और लॉन्ग स्टेपल कपास के लिए 7,521 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित है, लेकिन किसानों को इससे कम कीमत मिल रही है. महाराष्‍ट्र की मं‍डियों में गुरुवार 21 नवंबर 2024 को कपास का यह भाव रहा.

महराष्‍ट्र की मंडियों में कपास का भाव

मंडीआवकन्‍यूनतम कीमत (रु. में)अध‍िकतम कीमत (रु. में)मॉडल कीमत (रु. में)
सावनेर2400690069506925
किनवट46670069006825
भद्रावती802722075217371
समुद्रपुर520 650070006800
वडवणी45670069006850
मौदा110 675069506800
अकोट1300 (H-4 म‍ीडियम स्‍टेपल)695074456980
अकोला779732174717396
अकोला(बोरगांव मंजू)307 7246 74717358
वर्धा975 (म‍ीडियम स्‍टेपल)7000 75217300
बरसी तकली10000 (म‍ीडियम स्‍टेपल)7471 7471 7471
पुलगांव920 (म‍ीडियम स्‍टेपल)6800        71007000

नोट: आंकड़े महाराष्‍ट्र एग्रीकल्‍चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार हैं.

कीट के हमले से कपास किसान परेशान

कपास के कम उत्‍पादन के पीछे मुख्‍य रूप से जलवायु परिस्थित‍ियां, कीट और रोग जिम्‍मेदार है. पिछले कुछ सालों में कपास की फसलों पर कीट गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) का हमला तेजी से बढ़ा है. ये कीट कपास की बॉल में घुस जाते हैं, जिससे इन पर कीटनाशकों का भी असर नहीं होता. यही वजह है कि बड़ी संख्‍या में किसान कपास की खेती करने से पीछे हट रहे हैं. देश में कपास का कम उत्‍पादन के कारण इसका आयात बढ़ेगा और सीधे तौर पर कपड़ा उद्योग प्रभावि‍त होगा और कपड़े महंगे होंगे.

MORE NEWS

Read more!