हरियाणा के लगभग सभी मंडियों में धान की सरकारी खरीद चालू है. इस बीच कई मंडियों में धान खरीद में गड़बड़ी और किसानों को कम MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने के मामले सामने आ रहे हैं. एक ऐसा ही मामला आया है सोनीपत जिले की अनाज मंडी से, जहां मंडी में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. मंडी में किसानों के लिए सभी सुविधाओं का दावे खोखले साबित हो रहे है और मंडी से मूलभूत सुविधाएं तक गायब हैं.
वहीं, मंडी में पीआर धान की खरीद भी नाममात्र होने से किसानों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है, जिसके बाद किसानों के समर्थन में पहुंचे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने अधिकारियों से बातचीत की और जल्द समाधान की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर जल्द किसानों की सभी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि अन्नदाता क्या करें.. सरकार और नेता किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति ही कर रहे हैं, और जब अन्नदाता को जरूरत पड़ती है तो सभी हाथ उठा लेते हैं. सोनीपत अनाज मंडी की यह तस्वीर इस बात को हकीकत में बदलने के लिए काफी है. किसान बारिश और तूफान से अपनी 6 महीने की मेहनत से उगाई धान को लेकर अनाज मंडी पहुंचा है, ताकि वह फसल बेचकर अपना परिवार चला सके. साथ ही दूसरी फसल की बुवाई कर सके, ताकि उसके बच्चे खुश रह सके. लेकिन मंडी में पहुंचने के बाद भी किसानों की परेशानी और आंखों के आंसू कम नहीं हो रहे हैं. वहीं, जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी किसानों की समस्याओं को दूर करना है, उन्हें मंडी में कोई समस्या हो नजर नहीं आती.
सोनीपत अनाज मंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि उन्हें मंडी में सुविधाओं के नाम पर दिखावा और परेशानी के अलावा कुछ नहीं मिला. मंडी में किसान अपनी फसल बेचने का इंतजार कर रहे हैं. समय पर खरीद ना होने से बारिश में फसल भीग गई हैं, जिसकी वजह से फसल नहीं बिक रही है. मंडी में किसानों के समर्थन में किसान नेता पहुंचे और उन्होंने अधिकारियों से बात की.
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार सिर्फ किसानों के हक में रहने की बात करती है, लेकिन किसानों की इस दुर्दशा के पीछे मुख्यमंत्री का हाथ है. मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं को जानबूझकर दूर नहीं करवा रहे हैं और किसानों की समस्या दूर करवाना सरकार का दायित्व है. 10 दिन से किसान मंडी में परेशान है. सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है, लेकिन नाम मात्र हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसानों की परेशानियों का हल नहीं निकाला गया तो आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.