Basmati Price: पंजाब में बासमती धान की कीमतों में लगातार दूसरे साल गिरावट! जानिए क्‍या है वजह

Basmati Price: पंजाब में बासमती धान की कीमतों में लगातार दूसरे साल गिरावट! जानिए क्‍या है वजह

Basmati Mandi Rate: बासमती किसानों को लगातार दूसरे साल नुकसान झेलना पड़ रहा है. पूसा 1509 का भाव 2,300-2,500 और पूसा-1718 किस्‍म का भाव 3300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रही है.

Basmati Paddy Price FallBasmati Paddy Price Fall
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 18, 2025,
  • Updated Oct 18, 2025, 4:48 PM IST

बासमती धान की खेती के लिए मशहूर पंजाब के किसान इन दिनों उपज की कीमतें गिरने से परेशान हैं. लगातार दूसरे साल बासमती चावल उत्पादक किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इस बार मंडियों में बासमती की आवक बढ़ते ही दाम औंधे मुंह गिर गए हैं. लोकप्रिय किस्म ‘पूसा 1509’ का भाव जहां 2,300 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच सिमट गया है, वहीं ‘पूसा 1718’ अधिकतम 3,300 रुपये प्रति क्विंटल तक ही बिक पा रही है. पिछले साल यही किस्में किसानों को 3,500 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल तक का दाम दिला रही थीं, जबकि 2023 में यही दरें 4,700 रुपये तक पहुंच गई थीं. 

मंडियों में 6.65 लाख मीट्रिक टन बासमती धान की आवक

‘दि ट्रिब्‍यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, फाजिल्का जिले के मुथ‍ियांवाली और कबूल शाह हीथड़ गांवों में 17 एकड़ में धान बोने वाले किसान राजेश कुमार बताते हैं, “पूसा 1718 किस्‍म का भाव इस बार केवल 3,300 रुपये मिल रहा है, जबकि पिछले साल 4,000 और उससे पहले 3,500 रुपये तक दाम थे. पूसा 1121 की स्थिति भी खराब है, जो अब 3,500 से 4,000 रुपये में सिमट सकती है.” राज्यभर में गुरुवार तक 6.65 लाख मीट्रिक टन बासमती धान मंडियों में पहुंच चुका था, जिसमें अकेले अमृतसर की हिस्सेदारी 3.24 लाख मीट्रिक टन रही.

2700 से 3100 रुपये का मिल रहा भाव

फाजिल्का के कमीशन एजेंट संजीव ‘गोल्डी’ सचदेवा के मुताबिक, “पूसा 1718 का भाव बाकी किस्मों की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन 1509 जैसी किस्में 2,700 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल में ही बिक रही हैं. चूंकि, बासमती की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं होती, इसलिए मांग ही इसके भाव तय करती है. इस बार निर्यातक कम वैश्विक मांग का हवाला दे रहे हैं.”

MP-यूपी के बासमती धान ने बिगाड़ा खेल

कीमतों में गिरावट की एक बड़ी वजह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से आने वाला सस्ता, लंबा दाना चावल भी है, जिसे मौजूदा वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते निर्यातक ज्यादा पसंद कर रहे हैं. बासमती निर्यातक रंजीत सिंह जोसन ने बताया कि इन दोनों राज्यों और राजस्थान में बासमती उत्पादन इस बार 20 फीसदी बढ़ा है, जिससे पंजाब-हरियाणा के किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा.

पश्चिम एशिया में जारी तनाव और बारिश से बढ़ी नमी ने भी नुकसान किया है. पूसा 1718 और 1121 में नमी 25 फीसदी तक है, जिससे निर्यातक कतराने लगे हैं. जोसन के मुताबिक, भारत के प्रमुख खरीदारों में शुमार ईरान को बकाया भुगतान पिछले आठ महीनों से अटका हुआ है. उच्‍च अमेरिकी टैरिफ और अनिश्चित माहौल ने बाजार पर काफी असर डाला है.

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