Gomti river: लखनऊ में 264 करोड़ से तैयार होगा नया एसटीपी, गोमती नदी का प्रदूषण होगा कम

Gomti river: लखनऊ में 264 करोड़ से तैयार होगा नया एसटीपी, गोमती नदी का प्रदूषण होगा कम

 264 करोड रुपए से तैयार हो रहे इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से गोमती नदी के प्रदूषण को कम करने की कोशिश होगी. यह नया एसटीपी लखनऊ के फैजुल्लागंज के निकट लोनीपुरवा में तैयार किया जा रहा है. अभी तक शहर में तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लान काम कर रहे हैं. वहीं इस चौथे प्लांट से रोजाना 50 एमएलडी गंदे पानी का शोधन होगा।

  • Lucknow ,
  • Feb 18, 2024,
  • Updated Feb 18, 2024, 12:17 PM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ में चौथा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य जारी है. 264 करोड रुपए से तैयार हो रहे इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से गोमती नदी के प्रदूषण को कम करने की कोशिश होगी. यह नया एसटीपी फैजुल्लागंज के निकट लोनीपुरवा में तैयार किया जा रहा है. अभी तक शहर में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लान काम कर रहे हैं जबकि तीसरे का निर्माण कार्य जारी है. वहीं इस चौथे प्लांट से रोजाना 50 एमएलडी गंदे पानी का शोधन होगा. इस पूरे प्रोजेक्ट की मंजूरी नमामि गंगे योजना से मिल चुकी है. जल्द ही शासन से मंजूरी मिलते ही काम शुरू होगा. 

 लखनऊ में गोमती नदी को साफ करने की कोशिश बेअसर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी को साफ करने की अभी तक की कोशिश का कोई खास परिणाम नहीं निकला है. 1984 से लेकर 2023 तक गोमती नदी को स्वच्छ करने के नाम पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, मगर नतीजा यह है कि आज भी गोमती में 16 नाले सीधे गिर रहे हैं. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर तीन एसटीपी काम कर रहे हैं, मगर उनकी क्षमता इतनी नहीं है कि इन सभी नालों का पानी ट्रीट कर सकें. नतीजा यह है कि आज गोमती स्वच्छ नहीं है. पानी में स्नान और आचमन तो दूर गोमती के किनारे टहल भी नहीं सकते.

यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार जब सत्ता में आई तो एक बार फिर गोमती को निर्मल करने के लिए 300 करोड़ रुपये की लागत से भरवारा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया. बालागंज स्थित जलकल केंद्र की क्षमता को भी बढ़ाया गया लेकिन इससे भी कोई खास फर्क नहीं पड़ा. 

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नये एसटीपी से सुधरेगी गोमती नदी की हालत

लखनऊ में अभी तक दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लान का संचालन हो रहा है जिसके माध्यम से सीवर और नालों में गंदे पानी का शोध किया जा रहा है. गोमती नगर विस्तार क्षेत्र में भरवारा और लखनऊ के दौलतगंज में यह दोनों ही एसटीपी चल रही है. तीसरा लोहिया पद पर हैदर कैनाल की खाली जमीन पर तीसरी एसटीपी का निर्माण जारी है. इसके शुरू होने के बाद शहर में नालों से 750 एमएलडी गंदा पानी का शोधन होगा. अभी भी 350 एमएलडी गंदा पानी बिना शोधन के सीधे गोमती नदी में जा रहा है.

गोमती में कभी गिरते थे 26 नाले 

गोमती नदी में शहर के 26 बड़े नाले पहले गिरते थे लेकिन भरवारा और दौलतगंज एसटीपी से जोड़े जाने के बाद सात बड़े नालों का गंदा पानी अभी भी गोमती नदी में गिर रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कई बार इस पर आपत्ति भी जाता चुका है. जल निगम के अधिकारी सरोज कुमार का कहना है कि फैजुल्लागंज अप व डाउन स्ट्रीम  और महेशगंज नाले को एसटीपी से जोड़ा जाएगा जिससे गोमती नदी में प्रदूषण के स्तर में काफी ज्यादा सुधार देखने को मिलेगा.

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