सीतापुर-हनुमना सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना के लिए नई ToR जारी, 1.29 लाख हेक्‍टेयर कृषि भूमि में होगी सिंचाई

सीतापुर-हनुमना सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना के लिए नई ToR जारी, 1.29 लाख हेक्‍टेयर कृषि भूमि में होगी सिंचाई

मध्य प्रदेश में सोन नदी पर सीतापुर-हनुमना माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए केंद्र ने नई ToR जारी की है. इस परियोजना के तहत रबी फसलों के लिए 1.29 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी.

Sitapur Hanumana micro irrigation projectSitapur Hanumana micro irrigation project
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 25, 2025,
  • Updated Oct 25, 2025, 4:03 PM IST

केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में प्रस्तावित सीतापुर-हनुमना माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए नए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी किए हैं. यह परियोजना सोन नदी पर आधारित एक प्रमुख अंतरराज्यीय जल योजना है, जिससे 1.29 लाख हेक्टेयर बारिश आधारित कृषि भूमि में सिंचाई होगी. परियोजना का क्षेत्र सोन घड़‍ियाल वन्यजीव अभयारण्य में आता है. मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग इस परियोजना को रीवा, मौगंज, सिधी और सिंगरौली जिलों में सिंचाई और कृषि उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से लागू कर रहा है. इसके तहत सीधी जिले के परसौना खुर्द गांव में सोन नदी पर बैराज का निर्माण किया जाएगा.

बैराज में इतना पानी रोकने की क्षमता

परियोजना की कुल जल संग्रहण क्षमता 268.9 मिलियन क्यूबिक मीटर और लाइव स्टोरेज 255.7 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी. प्रस्तावित बैराज की लंबाई 1,589 मीटर होगी, जिसमें 725 मीटर का मिट्टी का बांध और 784 मीटर का स्पिलवे शामिल होगा, जिस पर 39 गेट लगाए जाएंगे. पानी को उठाने के लिए सात वर्टिकल टर्बाइन का उपयोग किया जाएगा, जिनकी संयुक्त शक्ति आवश्यकता 108.6 मेगावाट है.

प्रोजेक्‍ट से 653 गांवों को फायदा

इस परियोजना से रबी मौसम में मुख्यतः गेहूं और चने की फसल के लिए 1,29,060 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा, 5 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी पीने और औद्योगिक उपयोग के लिए भी उपलब्ध होगा. परियोजना से 653 गांवों के लाभान्वित होने और सालाना लगभग 39 लाख क्विंटल अतिरिक्त फसल उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है.

44 गांवों में होगा जमीन अध‍िग्रहण

परियोजना के लिए कुल 3,639.7 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें 22.36 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है. सीधी जिले के 44 गांवों की लगभग 4,198 परिवारों को भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने की संभावना है.

पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति (EAC) ने कहा कि परियोजना स्थल सोन घाटियाल वन्यजीव अभयारण्य में है, जहां संरक्षित घड़ियाल पाए जाते हैं. इस कारण परियोजना को श्रेणी ‘ए’ में रखा गया है और इसे केंद्रीय स्तर पर पर्यावरण मंत्रालय द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा.

सोन नदी के पानी का हुआ बंटवारा

EAC ने बताया कि परियोजना के लिए मध्य प्रदेश सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच नदी के पानी के वितरण के लिए अंतरराज्यीय समझौता भी हो चुका है.

परियोजना निर्माण के दौरान प्रतिदिन 1,550 किलोलीटर पानी की आवश्यकता होगी. संचालन के समय सिंचाई के लिए 268.9 MCM और पीने और औद्योगिक उपयोग के लिए 5-5 MCM पानी का उपयोग होगा.

10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों की जनसंख्या 57,887 है, जिसमें अनुसूचित जाति 11.74 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति 21.97 प्रतिशत हैं. EAC ने परियोजना को पर्यावरण मंजूरी देने से पहले विस्तृत पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (EIA) और पर्यावरण प्रबंधन योजना (EMP) तैयार करने के लिए नई ToR जारी की है. (पीटीआई)

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