432 करोड़ रुपये में होगा नहरों की मरम्मत, पार्वती नहर पर भी खर्च होंगे 241 करोड़ रुपये

432 करोड़ रुपये में होगा नहरों की मरम्मत, पार्वती नहर पर भी खर्च होंगे 241 करोड़ रुपये

जल संसाधन विभाग के 432 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 13 कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई.  इन कार्यों में नहरी तंत्र के सुदृढ़ीकरण के साथ ही नए एनीकट निर्माण एवं तालाबों के पुनरूद्धार एवं मरम्मत से जुड़े कार्य किए जाएंगे.  इसके अलावा 241 करोड़ से पार्वती नहर की मरम्मत होगी. इससे 57 गांव के किसानों को फायदा मिलेगा. 

राजस्थान में 673 करोड़ रुपये से नहरों और तालाबों का जीर्णाद्धार होगा. फोटो- Madhav Sharmaराजस्थान में 673 करोड़ रुपये से नहरों और तालाबों का जीर्णाद्धार होगा. फोटो- Madhav Sharma
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Jun 24, 2023,
  • Updated Jun 24, 2023, 12:35 PM IST

राजस्थान में धीरे-धीरे ही सही, लेकिन नहरों का क्षेत्र बढ़ रहा है. पुरानी नहरों की मरम्मत और नई नहरों के निर्माण पर सरकार काफी पैसा खर्च कर रही है. राज्य स्तर पर मीटिंग में इंदिरा गांधी नहर और अन्य नहरों के विकास कार्यों के निर्णय लिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अतिरिक्त मुख्य सचिव, डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में स्टेट लेवल एम्पावर्ड स्टेण्डिंग कमेटी (एसएलईसी) की बैठक हुई. इसमें जल संसाधन विभाग के 432 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 13 कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई.  इन कार्यों में नहरी तंत्र के सुदृढ़ीकरण के साथ ही नए एनीकट निर्माण एवं तालाबों के पुनरूद्धार एवं मरम्मत से जुड़े कार्य किए जाएंगे. 

241 करोड़ से होगी पार्वती नहर की मरम्मत, हजारों किसानों को होगा लाभ 

इसी बैठक में बारां जिले में पार्वती मुख्य नहर की मरम्मत का प्रस्ताव भी पास किया गया. इसके लिए 241 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इस नहरी सिस्टम की मरम्मत से बारां, अटरू एवं मांडरोल तहसील के 57 गांवों के किसानों को लाभ मिलेगा. नंदसमंद से राजसमंद बांध में पानी डायवर्ट करने वाली खारी फीडर की 79.94 करोड़ रूपए की लागत से मरम्मत कर इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी. इससे राजसमंद बांध में पानी की आवक बढ़ेगी. 

इसके अलावा 69.99 करोड़ रूपए लागत से नर्मदा मुख्य नहर, वितरिकाओं एवं नहरी तंत्र को मजबूत करने का काम किया जाएगा. इससे सिरोही, जालोर एवं बाड़मेर जिले में पेयजल सुविधा बढ़ेगी. साथ ही जालोर और बाड़मेर में सिंचाई के लिए किसानों को पानी मिलेगा. 

सात एनीकट, चार तालाब बनाए जाएंगे

एसएलईसी की बैठक में सात नए एनीकट बनाने, एक एनीकट के जीर्णोद्धार तथा चार तालाबों के निर्माण/मरम्मत के कार्यों को भी मंजूरी दी गई है. इनमें 10.43 करोड़ रूपए से बांसवाड़ा जिले की सज्जनगढ़ तहसील में सेवनिया एनीकट, 7.18 करोड़ रूपए की लागत से बांसवाड़ा की गढ़ी तहसील में चाप नदी पर खेड़ा एनीकट, 5.14 करोड़ रूपए से बांसवाडा जिले की अरथूना तहसील में गोवरपाड़ा एनीकट, 3.08 करोड़ रूपए की लागत से उदयपुर जिले की झल्लारा तहसील में धीमरा मगरी एनीकट बनाए जाएंगे. 

इसके अलावा 2.49 करोड़ रूपए की लागत से सवाई माधोपुर तहसील में पीलाखल एनीकट, 2.44 करोड़ रूपए की लागत से सवाई माधोपुर की बामनवास तहसील में सुकर गांव के पास एनीकट एवं 1.69 करोड़ रूपए की लागत से दौसा जिले में खुरी खुर्द एनीकट का बनाया जाएगा. साथ ही 2.50 करोड़ रूपए की लागत से उदयपुर जिले की झल्लारा तहसील में भानोर एनीकट का पुनरूद्धार का काम किया जाएगा. 

इसके अतिरिक्त 3.57 करोड़ रूपए लागत से राजसमंद जिले की नाथद्वारा तहसील में फूलपुरा एवं जेबा तालाब की मरम्मत, 2.52 करोड़ रूपए की लागत से राजसमंद में माना का तालाब एवं उथनोल में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के काम किए जाएंगे. 
 

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