आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि पंजाब में आई भीषण बाढ़ के बाद किसानों को उनके खेतों में जमा रेत निकालने की अनुमति दी जाएगी. सिसोदिया ने इस बात पर जोर देकर कहा कि अगली फसल की बुवाई के लिए खेतों में जमा गाद किसानों की सबसे बड़ी चिंता बन चुकी है. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 सितंबर को बाढ़ प्रभावित पंजाब के दौरे से पहले, सिसोदिया ने केंद्र सरकार से "बकाया" 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की भी मांग की है. आप के पंजाब प्रभारी सिसोदिया ने कहा कि बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान से किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
चंडीगढ़ में सिसोदिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के नेता, मंत्री, विधायक और यहां तक कि दिल्ली के विधायक और पार्टी कार्यकर्ता राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने में लगे हुए हैं. सिसोदिया ने कहा, लेकिन अब उनकी सबसे बड़ी चिंता अगली रबी फसल की बुवाई को लेकर है क्योंकि उन्हें चिंता है कि नदी के पानी के साथ आई रेत किसानों के खेतों में जमा हो गई है. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय किसानों की सबसे बड़ी चिंता अगली फसल को लेकर है. अगर रेत खेतों में रही, तो अगली फसल उगाना मुश्किल हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित किसानों से हम यह समस्या सुन रहे हैं. मगर खनन नीति के तहत खनन की अनुमति नहीं है. सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की है और उन्हें भी यही प्रतिक्रिया मिल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लेने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मोहाली के एक अस्पताल में भर्ती मान एक नीति लाएंगे जिसके तहत किसानों को अपने खेतों से रेत निकालने की अनुमति दी जाएगी.
सिसोदिया ने कहा कि AAP की ओर से मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी प्रतिक्रिया राज्य सरकार तक पहुंच गई है, जिसने लगभग तय कर लिया है कि किसानों को उनके खेतों से रेत खनन की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक-दो दिन में औपचारिक घोषणा की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को उनके खेतों से रेत खनन की अनुमति दी जाएगी और यह उनके लिए राहत की बात होगी. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वे रेत बेच सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के 9 सितंबर के पंजाब दौरे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बाढ़ से हुई तबाही के उनके आकलन के अनुसार, एक बड़ी राहत की ज़रूरत है.
सिसोदिया ने कहा, "प्रधानमंत्री जी आ रहे हैं, यह अच्छी बात है. पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात की, अमित शाह ने भी बात की और उसके बाद शिवराज सिंह चौहान भी आए. लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. प्रधानमंत्री आ रहे हैं. मेरा अनुरोध है कि आप (मोदी) आकलन करें और आपके केंद्रीय मंत्री पहले ही (नुकसान का) आकलन कर चुके हैं. लेकिन अंततः पंजाब को राहत देने के लिए कुछ कदम उठाने ही होंगे." उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को मदद की ज़रूरत है, उन्हें घोषणा करनी होगी. उन्होंने 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह केंद्र के पास "लंबित" है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री को इसका संज्ञान लेना चाहिए. ऐसा नहीं है कि अगर वह जब यहां आएंगे, तभी उन्हें इसके (बाढ़ की स्थिति) बारे में पता चल पाएगा. यह डिजिटल युग है, मंत्री (चौहान) पंजाब का दौरा कर चुके हैं. उन्हें (मोदी) यह पता है. सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने पंजाब दौरे से पहले कम से कम 60,000 करोड़ रुपये जारी करने चाहिए.
(सोर्स- PTI)
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