OMC ने सी-हैवी मोलैसिस से उत्पादित एथनॉल की कीमत बढ़ाई, अब 56.28 रुपये लीटर हो गया रेट

OMC ने सी-हैवी मोलैसिस से उत्पादित एथनॉल की कीमत बढ़ाई, अब 56.28 रुपये लीटर हो गया रेट

कहा जा रहा है कि सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल की खरीद मूल्य में पिछले पांच साल के दौरान सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है. वहीं, इस बढ़ोतरी के बाद सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल का खरीद मूल्य 56.28 रुपये प्रति हो गया है.

सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल. (सांकेतिक फोटो)सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 31, 2023,
  • Updated Dec 31, 2023, 6:37 PM IST

गन्ना आधारित इथेनॉल निर्माताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. तेल-विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने 2023-24 सीज़न के लिए सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल की खरीद मूल्य में 6.87 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की है. कहा जा रहा है कि सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल की खरीद मूल्य में पिछले पांच साल के दौरान सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है. वहीं, इस बढ़ोतरी के बाद सी-हैवी गुड़ से उत्पादित इथेनॉल का खरीद मूल्य 56.28 रुपये प्रति हो गया है, जबकि 2022-23 खरीद सीजन में यह 49.41 रुपये प्रति लीटर था.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, खरीद मूल्य में भारी वृद्धि का उद्देश्य सी-हैवी गुड़ से इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देना भी है, ताकि चीनी के उपयोग को कम किया जा सके. सूत्रों ने कहा कि साल 2023-24 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष में ओएमसी के लिए वादा किए गए 5.62 बिलियन लीटर में से लगभग 2.69 बिलियन लीटर गन्ना आधारित गुड़ से और 2.92 बिलियन लीटर अनाज से आएगा. वहीं, साल  2023-24 सीज़न में भारत का शुद्ध चीनी उत्पादन (एथेनॉल के लिए डायवर्जन के हिसाब के बाद) लगभग 29 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 33 मिलियन टन से कम है.

ऐसे भारत में इथेनॉल का उत्पादन कई स्रोतों से किया जाता है. यह मुख्यतः गन्ना-आधारित गुड़ के माध्यम से, या अनाज और अन्य स्रोतों पर आधारित है. गन्ने में यह या तो गन्ने के रस या सिरप के माध्यम से होता है, और फिर बी-भारी गुड़ और सी-भारी गुड़ आता है.

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चीनी को वापस आपूर्ति में लगाया जा सकता है

 इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम प्रभाकर राव के अनुसार, जब गन्ने के रस या सिरप से सीधे इथेनॉल का उत्पादन किया जाता है, तो इसका सीधा असर चीनी प्रोडक्शन पर पड़ता है. जब बी-भारी गुड़ से इथेनॉल का उत्पादन किया जाता है तो चीनी प्रोडक्शन की हानि प्रतिशत कम होती है. वहीं, फिर सी-हैवी गुड़ से इथेनॉल का उत्पादन होता है. खास बात यह है कि इस प्रक्रिया में चीनी उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ता है.  इसलिए, जब 2023-24 सीज़न में चीनी का उत्पादन खपत से थोड़ा अधिक होने की उम्मीद है. यही वजह है कि सरकार ने इथेनॉल बनाने के लिए चीनी के किसी भी अन्य उपयोग के खिलाफ फैसला किया. सूत्रों ने कहा कि 2023-24 में, चीनी कंपनियों को जूस और सिरप से बने इथेनॉल की आपूर्ति से रोकने के लिए, सरकार के आदेश से 1.6-1.8 मिलियन टन चीनी को वापस आपूर्ति में लगाया जा सकता है.

तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की मांग की

एम प्रभाकर राव ने कहा कि उद्योग सी-हैवी गुड़ से इथेनॉल की आपूर्ति पर 6.87 रुपये प्रति लीटर के प्रोत्साहन की सराहना करता है, जिससे कीमत 56.28 रुपये प्रति लीटर हो जाती है. हालांकि,उद्योग को इन अनिश्चित समय में बेहतर तरीके से आगे बढ़ने में मदद करने और समय पर गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित करने, घाटे को कम करने और इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने में मदद करने के लिए इसे और बढ़ाया जाना चाहिए. राव ने गुड़ के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की उद्योग की अपील दोहराई है.

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