राजस्थान में विधानसभा चुनावों के दौरान नेता अपने प्रचार में मशगूल हो गए हैं, लेकिन इसी वक्त में अवैध शराब, नकदी और ड्रग्स का कारोबार और सप्लाई भी बढ़ रही है. निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 200 करोड़ रुपये की अवैध शराब, नकदी और अन्य सामग्री जब्त की है. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में पूरी आचार संहिता के दौरान 65 दिन में 70 करोड़ की अवैध सामग्री जब्त की गई थी. इन आंकड़ों से एक बात तो साफ है कि इन चुनावों में शराब और नकदी की भूमिका बड़ी हो रही है. राजस्थान में मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से जारी रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है. 32.67 करोड़ रूपये के सीजर के साथ जयपुर प्रदेश में सबसे आगे है.
दूसरे स्थान पर बांसवाड़ा 13.34 करोड़ रुपये, तीसरे स्थान पर उदयपुर 12.74 करोड़ रूपये और चौथे स्थान पर 12 करोड़ रुपए के साथ अलवर है. वहीं 10 करोड़ रूपए से ज्यादा के सीजर के साथ बाड़मेर पांचवें स्थान पर है.
निर्वाचन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार अवैध शराब जब्ती के मामले में अलवर पहले नंबर पर है. यहां अब तक 4.30 करोड़ रुपये की शराब पकड़ी गई है. वहीं, 7.40 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्ती के साथ बाड़मेर पहले स्थान पर है.
इसके अलावा जयपुर में 7.77 करोड़ रूपये की अवैध नगदी अब तक जब्त की गई है. यह प्रदेश में सबसे ज्यादा है. 11.14 करोड़ के सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती कर बांसवाड़ा पहले स्थान पर है. जबकि 27.54 लाख की फ्रीबीज जब्त कर सवाईमाधोपुर पहले स्थान पर है.
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राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर 'सी-विजिल' एप के माध्यम से रिपोर्ट किए गए आचार संहिता उल्लंघन के 278 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है. प्रवीण गुप्ता बताते हैं कि नौ अक्टूबर को आचार संहिता लागू होने के बाद सी-विजिल एप पर प्राप्त शिकायतों में 1868 शिकायतें सही पाई गई हैं.
इनमें से 1565 शिकायतों को निर्धारित सौ मिनट के समय में कार्रवाई कर हल कर दिया गया. उन्होंने बताया कि फ्लाइंग स्क्वॉयड टीमें औसतन 29 मिनट 19 सेकंड में शिकायत स्थल पर पहुंच कर कार्रवाई कर रही हैं. सी-विजिल एप पर मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में शत प्रतिशत 90 शिकायतें सही दर्ज हुई हैं और निवाई विधानसभा क्षेत्र में 80 शिकायतें सी-विजिल एप पर दर्ज हुई, जिनमें 95 प्रतिशत सही पाई गई हैं.
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जयपुर निर्वाचन जिले में 330 शिकायतें और टोंक में 174 शिकायतें सही पाई गई है. बता दें कि निर्वाचन आयोग ने सी-विजिल एप आचार संहिता उल्लंघन संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए लांच किया है. सी-विजिल एप से कोई भी व्यक्ति आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत कर सकता है.