पाकिस्‍तान की वजह से भारत के बासमती चावल पर आया 'संकट', निर्यात में आएगी कमी, जानें कैसे

पाकिस्‍तान की वजह से भारत के बासमती चावल पर आया 'संकट', निर्यात में आएगी कमी, जानें कैसे

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि भारत के बासमती चावल के निर्यात में पिछले साल रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंचने के बाद 2024 में गिरावट आने की संभावना है. ऐसा इसलिए होगा क्‍योंकि प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान उत्पादन में उछाल के बीच प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अनाज की पेशकश कर रहा है.

भारत के बासमती चावल के निर्यात में आ सकती हैभारत के बासमती चावल के निर्यात में आ सकती है
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Feb 29, 2024,
  • Updated Feb 29, 2024, 9:25 PM IST

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि भारत के बासमती चावल के निर्यात में पिछले साल रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंचने के बाद 2024 में गिरावट आने की संभावना है. ऐसा इसलिए होगा क्‍योंकि प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान उत्पादन में उछाल के बीच प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अनाज की पेशकश कर रहा है. भारत और पाकिस्तान अपनी सुगंध के लिए प्रसिद्ध चावल की प्रीमियम लंबे दाने वाली किस्म के ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में अग्रणी निर्यातक हैं. 

क्‍यों पसंद आ रहा पाकिस्‍तान का चावल 

न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बासमती चावल के उद्योग से जुड़े अधिकारियों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान से कम आपूर्ति और आयातक देशों द्वारा भंडारण के प्रयासों के कारण भारत का बासमती चावल का निर्यात एक साल पहले की तुलना में 11.5 फीसदी बढ़कर 2023 में 4.9 मिलियन मीट्रिक टन हो गया. यह साल 2020 में पांच मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर से कुछ ही कम है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि ऊंची कीमतों की वजह से बासमती चावल शिपमेंट ने दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत को साल 2023 में रिकॉर्ड 5.4 बिलियन डॉलर जुटाने में मदद की. यह पिछले वर्ष से करीब 21 फीसदी ज्‍यादा है. 

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पाकिस्‍तान का चावल सस्‍ता 

भारत के हरियाणा राज्य के एक प्रमुख निर्यातक विजय सेतिया ने रॉयटर्स के साथ बातचीत में कहा, 'पिछले साल, जब पाकिस्तान उत्पादन के मुद्दों का सामना कर रहा था, तब खरीदार स्टॉक करने के लिए दौड़ रहे थे. हालांकि, इस साल, उत्पादन में वृद्धि के कारण पाकिस्तान भारत की तुलना में कम कीमतों की पेशकश कर रहा है. ' राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (आरईएपी) के अध्यक्ष चेला राम केवलानी ने पिछले महीने कहा था कि वित्त वर्ष 2023-24 में इस्लामाबाद का कुल चावल निर्यात बढ़कर पांच मिलियन टन हो सकता है, जो पिछले साल के 3.7 मिलियन टन से अधिक है. 

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पाकिस्‍तानी रुपये की गिरती कीमत 

केआरबीएल लिमिटेड (केआरबीएल.एनएस) के थोक निर्यात प्रमुख अक्षय गुप्ता के अनुसार, पाकिस्तानी रुपये की कीमत में गिरावट ने पाकिस्तान के निर्यात को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है, जो नये आयामों को खोलता है. गुप्ता ने कहा कि इस बीच, भारत में बासमती चावल के उत्पादन में अनुमानित 10 फीसदी की वृद्धि के बीच निर्यात मांग में कमी के कारण देश में बासमती की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई है. भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बासमती चावल के सबसे बड़े खरीदार ईरान ने साल 2023 में खरीद में 36 फीसदी की कमी की, लेकिन इराक, ओमान, कतर और सऊदी अरब को उच्च शिपमेंट ने कमी को पूरा कर दिया. 

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लाल सागर में संकट से मुसीबत 

नई दिल्ली स्थित एक निर्यातक ने कहा कि सरकार द्वारा बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाए जाने के कारण सितंबर और अक्टूबर में भारतीय निर्यात की गति कम हो गई थी, लेकिन जल्द ही इसमें सुधार हो गया.  निर्यातक विजय सेतिया ने बताया कि अगस्त में, भारत ने बासमती चावल शिपमेंट पर एमईपी 1,200 डॉलर प्रति टन लगाया, जो प्रचलित बाजार दरों से अधिक था, अक्टूबर में इसे घटाकर 950 डॉलर कर दिया. हालांकि, जनवरी में निर्यात फिर से लड़खड़ाना शुरू हो गया. आने वाले समय में इसमें और गिरावट आ सकती है. लाल सागर के माध्यम से शिपिंग में व्यवधान के कारण माल ढुलाई लागत में वृद्धि के कारण खरीदार खरीदारी में देरी कर रहे हैं. उनका कहना था कि खरीदारों के पास पर्याप्त सामान है और उन्हें जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है. 


 

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