मिजोरम में सत्ता बनाने की ओर बढ़ रही ZPM पार्टी क्या है और कब बनी? कांग्रेस से है पुराना नाता, जानिए पूरा इतिहास 

मिजोरम में सत्ता बनाने की ओर बढ़ रही ZPM पार्टी क्या है और कब बनी? कांग्रेस से है पुराना नाता, जानिए पूरा इतिहास 

मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों की मतगणना के शुरुआती रुझानों में जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) आगे चल रही है. ZPM ने पार्टी गठन के वक्त 2017 में पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे लालदुहोमा को पार्टी अध्यक्ष बनाया. इसके बाद साल 2018 में मिजोरम विधानसभा चुनाव में पार्टी मैदान में उतरी और 8 सीटों पर जीत हासिल की.

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रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Dec 04, 2023,
  • Updated Dec 04, 2023, 12:07 PM IST

मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों की मतगणना के शुरुआती रुझानों में राज्य के विपक्षी दल ZPM (जोरम पीपल्स मूवमेंट) सत्ता पर काबिज होने की ओर बढ़ रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में जोरम पीपल्स मूवमेंट को बहुमत हासिल करने और 25-35 सीटें हासिल करने की बात कही गई थी. अब आज 4 दिसंबर को मतगणना में यह सही साबित होता दिख रहा है. सुबह 10 बजे तक ZPM पार्टी 6 सीट जीत चुकी है और 20 पर बढ़त हासिल किए है.

2017 में बनी जोरम पीपल्स मूवमेंट 

जोरम पीपल्स मूवमेंट (Zoram People’s Movement - ZPM) का गठन 2017 में किया गया था. जेडपीएम पार्टी का उदय गठबंधन आंदोलन से हुआ है. इसके गठन में कई संगठन शामिल हुए हैं. इन संदठनों में मिजोरम पीपुल्स कांन्फ्रेंस, जोरम नेशनलिस्ट पार्टी, जोरम एक्सोडस मूवमेंट, जोरम डिसेंट्र्लाइजेशन फ्रंट, जोरम रिफॉर्मेशन फ्रंट और मिजोरम पीपुल्स पार्टी शामिल हैं. इन सभी दलों ने मिलकर सेक्युलर विचारधारा को आगे बढ़ाने और अल्पसंख्यकों के हितों को केंद्र में रखकर जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) को स्थापना की. हालांकि, 2019 में 3 संगठनों ने नाता तोड़ लिया.

2018 चुनाव में ZPM ने 8 सीटें जीतीं 

जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) ने पार्टी गठन के वक्त 2017 में पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे लालदुहोमा को नेता चुना और उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया. इसके बाद साल 2018 में मिजोरम विधानसभा चुनाव में पार्टी मैदान में उतरी और 8 सीटों पर जीत हासिल की. साल 2023 में पार्टी राज्य की प्रमुख लुंगलेई म्यूनिसिपल काउंसिल के सभी वार्ड में जीत हासिल की. जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) में युवाओं के बीच काफी पैठ है और पार्टी की यूथ विंग जेडपीएफ हलाई और वुमेन विंग जेडपीएन जोनू का गठन किया है. 

इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रमुख ने बदल दी मिजोरम की राजनीति 

जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रमुख रह चुके हैं. कांग्रेस से प्रभावित होकर लालदुहोमा ने 1984 में नौकरी से इस्तीफा दिया कांग्रेस की सदस्यता ली. कहा जाता है कि लालदुहोमा को मिजोरम में प्रमुख दल मिजोरम नेशनल फ्रंट को किनारे लगाने के लिए कांग्रेस ने हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था. लालदुहोमा ने लुंगलेई सीट से 1984 में चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए पर मिजोरम में कांग्रेस ने सरकार बना ली थी और लालदुहोमा को मिजोरम कांग्रेस का अध्यक्ष पद मिला था. इसी साल लालदुहोमा ने कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते. बाद में टकराव के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. 

सदस्यता रद्द होने वाले पहले सांसद थे लालदुहोमा 

लालदुहोमा देश पहले सांसद थे जिनकी दल बदल विरोधी कानून के तहत 1988 में लोकसभा की सदस्यता रद्द की गई थी. 1988 में लालदुहोमा ने मिजो नेशनल यूनियन का गठन किया, जिसे बाद में मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस में समाहित किया और उसके कार्यकारी अध्यक्ष बने थे. इसके बाद वह मिजोरम की जनता के हितों के लिए लड़ते रहे. 2017 के मिजोरम विधानसभा चुनाव में लालदुहोमा ने कई संगठनों के साथ मिलकर जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) का गठन किया. 

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मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 

वर्तमान में मिजोरम में एमएनएफ की सरकार है और जोरामथांगा राज्य के मुख्यमंत्री हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) को सत्ताविरोधी लहर का फायदा मिलता दिख रहा है. क्योंकि, जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) 40 सीटों में 6 सीट वह जीत चुकी और 20 पर बढ़त बनाए है. माना जा रहा है कि लालदुहोमा के नेतृत्व में जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) मिजोरम में सत्ता बदल देगी और राज्य को नया मुख्यमंत्री देगी. 
 

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