यमुना के बाढ़ में सबकुछ जलमग्न: फसलें डूबीं और चारा भी चौपट, भूखे-प्यासे मवेशियों की मौत

यमुना के बाढ़ में सबकुछ जलमग्न: फसलें डूबीं और चारा भी चौपट, भूखे-प्यासे मवेशियों की मौत

यूपी के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. यहां गंगा से लेकर यमुना तक का पानी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. औरैया जिले में यमुना का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. इससे फससें चौपट हो गई हैं, चारे का संकट खड़ा हो गया है जिससे मवेशियों की भूख से मौत हो रही है.

flood in Auraiyaflood in Auraiya
क‍िसान तक
  • Auraiya/Prayagraj,
  • Aug 27, 2025,
  • Updated Aug 27, 2025, 3:02 PM IST

यूपी के औरैया में बाढ़ का कहर देखा जा रहा है. यमुना नदी में इस समय बाढ़ का तांडव दिखाई पड़ रहा है. यहां यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच रहा है. कुछ दिन पहले ही बाढ़ की मार झेल चुके किसान अभी उबर भी नहीं पाए थे कि दोबारा फिर एक बार यमुना नदी ने अपना बाढ़ का कहर बरपा दिया है. यहां किसानों की बची खुची फसलें बाढ़ से तबाह हो गई हैं. किसानों के लिए जानवरों को चारा खिलाने और उसका इंतजाम करने की समस्या खड़ी हो गई है. करीब आधा दर्जन से अधिक किसानों की फसलें बाढ़ की चपेट में आने से तबाह हो गई हैं.

यहां जानवरों के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है. बाढ़ की वजह से किसान परेशान नजर आ रहा है. अभी कुछ दिन पहले ही औरैया के एक दर्जन गांव में बाढ़ का तांडव दिखाई पड़ा था जिसके बाद मुख्यमंत्री ने औरैया पहुंचकर ग्राउंड रिपोर्ट ली थी. वही किसानों को फसलों का मुआवजा देने की बात कही थी. कुछ किसानों को मुआवजा मिला भी था. इसके अलावा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया पहुंचकर एक बार फिर बाढ़ से निपटने को लेकर तैयार रहने की बात कही थी. उसके बाद औरैया में एक बार फिर बाढ़ का प्रकोप देखा जा रहा है.

न खेत में फसल बची और न मवेशी

किसान मोहन सिंह जाट ने बताया कि बाढ़ की वजह से उनकी परेशानी बढ़ गई है क्योंकि न खेत बचा न पशुओं के लिए चारा. सरकार की ओर से भी किसी तरह का मुआवजा नहीं मिल रहा है. किसान प्रदीप ने बताया कि बाढ़ ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. फसलें डूब गई हैं और जानवर भी भूखे प्यासे मर रहे हैं. उनके लिए चारे का कोई बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है. यहां यमुना का पानी कई गांवों में घुस गया है जहां लोग आवागमन के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं. किसी भी काम के लिए उन्हें नाव से जाना पड़ रहा है. यहां तक कि दूधिये भी नाव से ही दूसरे गांवों में दूध की सप्लाई कर रहे हैं.

प्रयागराज में भी हाल बेहाल

उधर प्रयागराज में गंगा यमुना के तटीय इलाकों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यमुना नदी के जलस्तर में तेज बढ़ोतरी से प्रशासन की भी चिंता बढ़ गई है. जलस्तर में प्रति घंटा पांच सेमी से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई. यमुना का जल स्तर 83 मीटर जबकि गंगा का 82.36 मीटर रिकॉर्ड किया गया है. प्रयागराज में गंगा और यमुना का खतरे का निशान 84.734 मीटर है.

प्रयागराज में यमुना में तेज बढ़ोतरी का सिलसिला रविवार को ही शुरू हो गया और सोमवार को इसकी गति खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया. बीते 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में 2.50 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई. बीती रात में करीब 17.50 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा था. गंगा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हो गया है. मुश्किल यह कि आगे भी आसार अच्छे नहीं बताए जा रहे हैं. यमुना के साथ बेतवा भी उफान पर है. चंबल में भी छह लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है.

टोंस नदी के पानी से बढ़ा खतरा 

इसके अलावा टोंस नदी में भी पानी का दबाव बना हुआ है. इससे स्थिति तेजी से बिगड़ रही है और आगे यमुना के जलस्तर में तेज गति से बढ़ोतरी के आसार हैं. हालांकि राहत की बात इतनी जरूर है कि गंगा नदी में फिलहाल ऊपर से पानी नहीं छोड़े जाने की बात कही जा रही है.

प्रयागराज में गंगा के जलस्तर में भी तेज बढ़ोतरी शुरू हो गई. हालांकि, इसकी वजह टोंस नदी के दबाव और यमुना के बैक फ्लो करने को माना जा रहा है. अफसरों का कहना है कि करछना के पनासा गांव के पास गंगा में मिलने वाली टोंस नदी भी उफान पर है. इसकी वजह से पानी तेजी से निकल नहीं पा रहा और गंगा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी शुरू हो गई है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तेज बारिश जारी है. पहाड़ों की ज्यादातर नदियां तेज रफ्तार से बह रही हैं. ऐसे में गंगा में भी तेजी से पानी आने के आसार हैं. पहाड़ों में हुई बारिश का पानी प्रयागराज आने तक यमुना के जलस्तर में भी बढ़ोतरी जारी रही तो स्थिति फिर खतरनाक होगी.(सूर्य प्रकाश शर्मा और आनंद राज का इनपुट)

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