50 देशों तक पहुंचेगा भारतीय कृषि यंत्र, भारतीय तकनीकों की मदद से सजेगा विदेशी खेत

50 देशों तक पहुंचेगा भारतीय कृषि यंत्र, भारतीय तकनीकों की मदद से सजेगा विदेशी खेत

किसानक्राफ्ट अगले 5 वर्षों में अपने कृषि उपकरणों का निर्यात 10 से बढ़ाकर 50 देशों तक करने की योजना बना रही है. कंपनी का लक्ष्य 20 प्रमुख फसलों के लिए पूरी यंत्रीकरण समाधान उपलब्ध कराना और भारत को छोटे कृषि यंत्रों का वैश्विक केंद्र बनाना है.

भारतीय फार्म उपकरणों का वैश्विक सफरभारतीय फार्म उपकरणों का वैश्विक सफर
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 27, 2025,
  • Updated Aug 27, 2025, 10:10 AM IST

बेंगलुरु स्थित फार्म इक्विपमेंट निर्माता किसानक्राफ्ट लिमिटेड ने अगले पांच वर्षों में अपने कृषि उपकरणों का निर्यात 50 देशों तक बढ़ाने की योजना बनाई है. वर्तमान में, कंपनी श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, फिलीपींस, आइवरी कोस्ट और घाना जैसे लगभग 10 देशों में अपने उत्पादों का निर्यात कर रही है.

स्थानीय तकनीक से बना बैटरी वाला वीडर

किसानक्राफ्ट ने हाल ही में अपने 20 वर्षों का सफर पूरा किया है और अब यह कंपनी देश में बना हुआ बैटरी से चलने वाला वीडर (घास हटाने की मशीन) लॉन्च करने जा रही है. यह कदम टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देगा.

20 प्रमुख फसलों के लिए पूरी समाधान सेवा

कंपनी का लक्ष्य धान, गेहूं और मक्का जैसी 20 प्रमुख फसलों के लिए शुरुआत से लेकर कटाई और फसल के बाद की प्रक्रिया तक पूरी यंत्रीकरण समाधान (End-to-End Mechanisation) उपलब्ध कराना है. इससे खेती के हर चरण में किसानों की मेहनत और लागत कम होगी.

अफ्रीकी बाजार में बढ़ते कदम

किसानक्राफ्ट ने हाल ही में अफ्रीका के बाजार में भी प्रवेश किया है, जहां उसके उत्पादों को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. कंपनी के चेयरमैन रविंद्र अग्रवाल का कहना है कि "हम भारत को छोटे कृषि यंत्रों का वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं."

नेल्लोर में अत्याधुनिक फैक्ट्री

कंपनी की उत्पादन इकाई आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में स्थित है, जहां लगभग 300 तरह के कृषि उपकरण बनाए जाते हैं. ये सभी यंत्र भूमि तैयारी, बुवाई, फसल प्रबंधन, कटाई और फसल के बाद के कार्यों में काम आते हैं.

बीज व्यवसाय में भी कदम

किसानक्राफ्ट ने बीज क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है. कंपनी ने टमाटर और भिंडी के कई हाईब्रिड किस्में विकसित की हैं. इसके साथ ही, 15 नई धान की किस्में भी विकसित की गई हैं, जो डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) विधि के लिए उपयुक्त हैं. यह विधि कम पानी में धान की खेती को संभव बनाती है.

ग्रामीण उद्यमिता और रेंटल मॉडल को बढ़ावा

कंपनी द्वारा चलाए जा रहे मशीन मैकेनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं को रोजगार दे रहे हैं. साथ ही, किसानों के बीच कृषि यंत्रों का किराये पर देना एक नया आय का स्रोत बन रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की आमदनी में वृद्धि हो रही है.

किसानक्राफ्ट का उद्देश्य सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना है. कंपनी की योजनाएं छोटे किसानों को सशक्त बनाने और कृषि को अधिक लाभकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं.

MORE NEWS

Read more!