29 मई से शुरू होगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’, पशुपालन-बागवानी को लेकर शिवराज सिंह ने कही ये बात

29 मई से शुरू होगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’, पशुपालन-बागवानी को लेकर शिवराज सिंह ने कही ये बात

अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों’ की केंद्रीय मंत्री चौहान ने की सराहना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में बताया क्रांतिकारी कदम. मंत्री ने कहा, ‘अमृत सरोवर’ योजना को स्थानीय आजीविका से जोड़ना बेहद अहम. कृषि मंत्री ने कहा, केवल पारंपरिक खेती नहीं बल्कि पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन जैसे एलाइड क्षेत्रों में भी प्रयास जरूरी, 29 मई से शुरू होने जा रहा है ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’.

Agriculture minister Shivraj ChouhanAgriculture minister Shivraj Chouhan
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 13, 2025,
  • Updated May 13, 2025, 7:28 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंगलवार को मंत्रालय (महानदी भवन), रायपुर, छत्तीसगढ़ में पंचायत एवं ग्रामीण विकास और कृषि विभाग के कार्यों की व्यापक समीक्षा की. बैठक में राज्य और केंद्र की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई और भावी विकास रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य ने कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए हैं. उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए उन्नत गांव और खुशहाल किसान की अवधारणा को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है.

बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘अमृत सरोवर’ योजना को स्थानीय आजीविका से जोड़ने की आवश्यकता बताई. उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और जलसंरक्षण की दिशा में ठोस परिणाम सामने आएंगे. राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री चौहान ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत श्रमिक बजट के पुनरीक्षण का आश्वासन दिया. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्वीकृत आवासों के जल्द निर्माण और हो रहे नए सर्वे के भौतिक सत्यापन पर बल दिया.

पशुपालन और बागवानी को लेकर क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सराहना करते हुए विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचालित नियद नेलानार योजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह योजना विकास को राज्य के सुदूर और चुनौतीपूर्ण भूभागों तक पहुंचा रही है. केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में शुरू किए गए ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों’ की सराहना की और इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया. उन्होंने सुझाव दिया कि इस नवाचार का अध्ययन कर इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जाए. 

ये भी पढ़ें: देश के 700 से ज्यादा जिलों में चलेगा खास मिशन, किसानों को खेती के लिए खास टिप्‍स देंगे वैज्ञानिक

कृषि क्षेत्र की समीक्षा करते हुए चौहान ने कहा कि किसानों की आय वृद्धि के लिए केवल पारंपरिक खेती नहीं, बल्कि पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन जैसे एलाइड क्षेत्रों में भी प्रयास जरूरी हैं. उन्होंने वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों, उन्नत बीजों, जैविक खेती और फसल चक्र अपनाने को प्रोत्साहित किया. केंद्र सरकार द्वारा जल्द शुरू किए जा रहे ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की जानकारी देते हुए चौहान ने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम राज्य के अलग-अलग जिलों का भ्रमण कर किसानों को व्यावहारिक और वैज्ञानिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देगी. उन्होंने राज्य सरकार से इस पहल में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया.

बैठक के समापन पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अभिनव प्रयोगों और प्रतिबद्धता के साथ छत्तीसगढ़ को विकास के नए शिखर पर पहुंचाएंगी.

सीएम साय भी बैठक में रहे मौजूद

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण विकास और कृषि को राज्य की रीढ़ मानती है. मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य के सुदूर और वंचित क्षेत्रों तक विकास की पहुंच बनाना एक साझी ज़िम्मेदारी है, जिसको पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार दृढ़ संकल्पित है. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना, डिजिटल सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाना और युवाओं को कौशल आधारित रोजगार देना ही वास्तविक सुशासन है.

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत विभाग निहारिका बारिक, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के अपर सचिव आर. आनंद, ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अमित शुक्ला, कृषि मंत्रालय के सलाहकार नवीन कुमार विद्यार्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे.

‘जशप्योर’ ब्रांड के उत्पादों की सराहना की

शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और स्वावलंबन की भावना से ओतप्रोत "जशप्योर" ब्रांड के उत्पादों की सराहना की. केंद्रीय मंत्री चौहान ने "जशप्योर" के उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. 'जशप्योर' न केवल एक ब्रांड है, यह छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है.

मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें जशपुर जिले के स्व सहायता समूह (स्वयं सहायता समूह) की महिलाओं के द्वारा तैयार की गई जशप्योर ब्रांड की खाद्य पदार्थों से सुसज्जित विशेष परंपरागत टोकरी भेंट की. छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुके "जशप्योर" ब्रांड की यह टोकरी केवल उपहार नहीं थी, बल्कि आत्मनिर्भरता, परिश्रम और स्वदेशी कौशल का एक जीवंत प्रतीक थी.

ये भी पढ़ें: किसानों को उनकी उपज खरीद का भुगतान होने में देरी ना हो, कृषि मंत्री ने दी सख्त हिदायत

छींद कांसा की हस्तनिर्मित टोकरी में सजाए गए उत्पादों में डेकी, कुटा, जवां फूल चावल, टाऊ पास्ता, महुआ कुकीज, रागी, मखाना लड्डू, महुआ गोंद लड्डू, महुआ च्यवनप्राश, ग्रीन टी, शहद और हर्बल सिरप जैसे विविध उत्पाद शामिल थे. केंद्रीय मंत्री चौहान ने उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई और प्रत्येक वस्तु की जानकारी बड़े उत्साह से ली. उन्होंने कहा कि इन उत्पादों में केवल स्वाद ही नहीं बल्कि हमारे जनजातीय समुदाय का परिश्रम और गौरव झलकता है.

 

MORE NEWS

Read more!