Parali Management: कौशांबी में किसानों को पराली से छुटकारा, हर बंडल पर हो रही इतनी कमाई

Parali Management: कौशांबी में किसानों को पराली से छुटकारा, हर बंडल पर हो रही इतनी कमाई

कौशांबी जिले में किसानों को अब पराली जलाने की समस्‍या से छुटकारा मिल गया है. यहां बायोमास बैंक किसानों से पराली खरीदकर कंपोज़ गैस और जैविक खाद बनाती है. इससे किसानों को अतिरिक्‍त आय हो रही है. जानिए क्षेत्र के किसानों का क्‍या कहना है...

Kaushambi Parali BankKaushambi Parali Bank
क‍िसान तक
  • कौशांबी,
  • Nov 14, 2025,
  • Updated Nov 14, 2025, 1:30 PM IST

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में किसानों को अब पराली जलाने की झंझट से बड़ी राहत मिली है. जिले में बायोमास बैंक नाम की कंपनी खेतों में पहुंचकर धान की कटाई के बाद बची पराली यानी फसल अवशेष को सीधे किसानों से खरीद रही है। कंपनी इसी पराली से कंपोज़ गैस तैयार करती है. किसानों का कहना है कि अब उन्हें पराली जलाने या कहीं फेंकने की जरूरत नहीं पड़ती, उनके खेत से कंपनी पराली खरीद लेती है और इसके बदले प्रति बंडल 25 रुपये का भुगतान भी कर रही है. इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी के साथ पर्यावरण प्रदूषण से भी मुक्ति मिल रही है.

पराली से निजात के साथ हो रही अतिरिक्‍त आय

कौशांबी जिले में कंपोज गैस बनाने वाली बायोमास बैंक नामक कंपनी जनपद के किसानों को अपनी फसल के अवशेषों को बेचने का अच्छा मंच है. जिससे किसानों को आय मिल सके और पराली जलाने की समस्या का समाधान भी हो जा रहा है. इससे अलावा यह एक ऐसा मंच है जो किसानों, आपूर्तिकर्ताओं और औद्योगिक खरीददारों को जोड़ने का काम कर रहा है और यह कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के लिए तकनीक का इस्‍तेमाल करता है.

कंपोज गैस और खाद बनाती है कंपनी

बायोमास बैंक न केवल पर्यावरण को साफ रखने में मदद करता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को रोजगार के अवसर भी पैदा करता है. जो किसानों से खरीदारी की हुई पराली का कंपोज गैस बनाता और कंपोज गैस बनाने के बाद जो अवशेष बच जाता है, उससे जैविक खाद जैसे उत्पादों का निर्माण भी करता है.

किसानों को 25 रुपये प्रति बंडल मिलता है भाव

बायोमास बैंक के कर्मचारी पवन मिश्रा के अनुसार, वह किसानों से उनकी पराली खरीदने के एवज में उन्‍हें 25 रुपये प्रति बंडल देते हैं. इसके अलावा पराली का बंडल बनाने से लेकर उसे प्रयागराज के नैनी स्थित प्लांट में भेजने का खर्च उनकी कंपनी उठाती है. वह इस पराली से कंपोज गैस के अलावा जैविक खाद बनाने का भी काम करते है.

किसान ने पहल पर जताई

वहीं, इस बारे में हमने खेत में मौजूद किसान बुधराम पाल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पराली जलाने पर सरकार द्वारा रोक लगाई गई है. ऐसे में हमारे खेतों में पराली खरीदने के लिए एक कंपनी के लोग आते हैं. इससे हमे एक फायदा यह है कि आगे की फसलों के लिए खेत खाली मिल जाता है और पराली बेचकर कुछ मुनाफा भी हो जाता है. (अखिलेश कुमार की रिपोर्ट)

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