Onion Farmers: सोलापुर में बनेगा नया प्‍याज टर्मिनल, जानें कैसे होगा किसानों को फायदा 

Onion Farmers: सोलापुर में बनेगा नया प्‍याज टर्मिनल, जानें कैसे होगा किसानों को फायदा 

साल 2023–24 में महाराष्‍ट्र ने देश के कुल प्याज उत्पादन में 35 फीसदी से ज्‍यादा का योगदान दिया. जबकि मध्य प्रदेश लगभग 17 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा. महाराष्‍ट्र की सबसे बड़ी प्‍याज मंडी लासलगांव जो नासिक में हैं, उसके साथ ही साथ सोलापुर में भी पूरे राज्य से प्याज आता है. उसका एपीएमसी (APMC) मूल्य निर्धारण और व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

देश की मंडियों में प्याज का भावदेश की मंडियों में प्याज का भाव
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 20, 2025,
  • Updated Nov 20, 2025, 8:46 AM IST

महाराष्‍ट्र सरकार ने की एक नई प्‍याज मार्केट तैयार करने का इरादा कर लिया है. प्याज के लिए नीति बनाने वाली राज्य सरकार की समिति ने अब सोलापुर में एक प्याज टर्मिनल की स्‍थापना करने की सिफारिश की है. इस टर्मिनल के बनने से यह शहर उत्तर और दक्षिण भारत के बीच प्याज व्यापार का एक महत्वपूर्ण सेंट्रल हब बन सकेगा. पिछले दिनों इस पर एक चर्चा भी हुई और हो सकता है कि जल्‍द ही इस पर सरकार की तरफ से मन बना लिया जाए. 

पूरे राज्‍य से आता है प्‍याज 

अखबार बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में सोलापुर में कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष, पाशा पटेल की अध्यक्षता में एक मीटिंग हुई. इस मीटिंग में समिति के सदस्यों ने इस टर्मिनल को लेकर खास चर्चा की. उनका मानना है कि इस प्रोजेक्‍ट्स से किसानों को बड़ी मदद मिलेगी और घरेलू एवं अंतरराष्‍ट्रीय प्याज व्यापार, दोनों को ही मजबूती मिलेगी. महाराष्‍ट्र की सबसे बड़ी प्‍याज मंडी लासलगांव जो नासिक में हैं, उसके साथ ही साथ सोलापुर में भी पूरे राज्य से प्याज आता है. उसका एपीएमसी (APMC) मूल्य निर्धारण और व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

स्‍टोरेज की होगी बेहतर सुविधा 

समिति ने सुझाव दिया कि प्रस्तावित टर्मिनल में सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे होनी चाहिए, जिसमें साइंटिफिक स्‍टोरेज सिस्‍टम भी शामिल हो. इससे नुकसान कम हो सकेगा और फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकेगा. समिति ने प्याज व्यापार के कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की है. साथ ही माना कि इसका गहरा आर्थिक और राजनीतिक महत्व है.  राज्य सरकार को अंतिम सिफारिशें भेजने से पहले सदस्य किसानों सहित बाकी स्‍टेकहोल्‍डर्स से भी इस पर विस्‍तृत सलाह-मशविरा किया जाएगा. 

प्याज और लहसुन रिसर्च सेंटर के प्रतिनिधियों ने साइंटिफिक स्‍टोरेज की जरूरत पर जोर दिया ताकि प्याज को खराब मौसम से बचाया जा सके. पारंपरिक तरीकों से स्‍टोरेज में भारी नुकसान होता है, जबकि सही इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर उपलब्ध होने पर करीब 5,000 टन तक प्याज की बचत संभव है. समिति के सदस्य दीपक चव्हाण ने बताया कि सोलापुर को देशभर में प्याज व्यापार और निर्यात के लिए एक केंद्रीय नोड के तौर पर और ज्‍यादा विकसित किया जा सकता है. 

राजनी‍ति पर भी असर डालता प्‍याज 

प्‍याज की फसल खरीफ और रबी, दोनों ही मौसमों में होने वाली एक ऐसी खेती है जो हमेशा भारत की कृषि-राजनीति को प्रभावित करती है. सालाना उत्पादन का करीब 70 फीसदी रबी प्याज होता है. इसकी कटाई मार्च में होती है और सही परिस्थितियों में यह कई महीनों तक सुरक्षित रह सकता है. सामान्य वातावरण में प्याज सिर्फ 2 से 3 महीने ही टिकता है. अगर नमी को नियंत्रित किया जा सके तो इसकी उम्र थोड़ा बढ़ सकती है. जब प्याज सड़ने लगता है, तो लासलगांव से दिल्ली तक इसका असर दिखाई देता है, जिससे उपभोक्ताओं का गुस्सा, किसानों के आंदोलन और कभी-कभी सरकार को भी हस्‍तक्षेप करना पड़ जाता है. 

सोलापुर एपीएमसी के अध्यक्ष दिलीप माने ने कहा कि एपीएमसी इस टर्मिनल की स्थापना का नेतृत्व करने के लिए तैयार है और इसके लिए ज्‍यादातर जरूरी इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर पहले से ही मौजूद है. साल 2023–24 में महाराष्‍ट्र ने देश के कुल प्याज उत्पादन में 35 फीसदी से ज्‍यादा का योगदान दिया. जबकि मध्य प्रदेश लगभग 17 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा. 

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