बुजुर्ग किसानों, ग्रामीणों या अन्य क्षेत्र के बुजुर्गों के लिए केंद्र सरकार छोटी बचत योजना चला रही है, जिसका नाम सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) एक निवेश स्कीम है जिसे केंद्र सरकार लोगों को बुढ़ापे में वित्तीय रूप से सुरक्षित जीवन जीने में मदद करने के लिए चला रही है. केंद्र सरकार बुजुर्गों को ज्यादा बचत का फायदा देने के लिए हर तीन महीने में ब्याज दरों में बदलाव करती है. जबकि, टैक्स में भी छूट मिलती है. इस योजना में 5 साल के लिए छोटी रकम निवेश कर बुजुर्ग 1 लाख रुपये तक हासिल कर सकते हैं.
SCSS स्कीम के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं. यह योजना 55 वर्ष से अधिक आयु के सेवानिवृत्त व्यक्तियों पर भी लागू होती है जो स्वैच्छिक या विशेष स्वैच्छिक योजना में भाग ले रहे हैं, साथ ही रक्षा सेवाओं से सेवानिवृत्त कर्मी भी योजना का लाभ लेने के निवेश कर सकते हैं.
केंद्र सरकार छोटी बचत योजनाओं पर दी जाने वाली ब्याज दरों में हर तीन महीने में बदलाव करती है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) के निवेशकों के लिए सरकार जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए जमा रकम पर 8.2 फीसदी की दर से ब्याज दे रही है. इस योजना के लिए पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) अकाउंट न्यूनतम 1000 रुपये हर माह की जमा राशि के साथ खोला जा सकता है. यह राशि जमा करने का टेन्यार 5 साल है और इसे 3 वर्षों तक आगे भी बढ़ाया जा सकता है. निवेश इसे आगे भी बढ़ा सकता है. सरकार ने समय से पहले योजना निकासी पर नए नियम लागू किए गए हैं. नए नियमों के अनुसार अगर निवेश की एक वर्ष की अवधि समाप्त होने से पहले खाता बंद कर दिया जाता है तो जमा राशि पर लगने वाला ब्याज 1 फीसदी रोक लिया जाएगा.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) के लिए अगर आप खाता खोलते हैं और 5 साल के लिए हर साल 12,000 रुपये जमा करते हैं यानी 1,000 रुपये हर महीने.
तो सालाना आपको लागू ब्याज के रूप में 4,920 रुपये बनेंगे. सालभर में 16,920 रुपये हो जाएगा. अब आप 5 साल के लिए यह रकम बढ़कर 84,600 रुपये हो जाएगी. यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि सरकार हर तिमाही ब्याज दर बढ़ाती है तो 5 साल में 15 बार ब्याज दर बढ़ने की संभावना रहेगी. अगर वर्तमान में लागू ब्याज दर 8.2 फीसदी से बढ़ेगी तो मेच्योरिटी के टाइम मिलने वाली रकम 1,00,000 रुपये के पार पहुंच जाएगी.