देश के केला उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, भारत से अब रूस को बड़े पैमाने पर केले के निर्यात का रास्ता खुल सकता है. रूस की फाइटोसैनिटरी निगरानी एजेंसी रोसेलखोज़्नादज़ोर (Rosselkhoznadzor) ने कहा है कि रूस हर साल भारत से लगभग 3 से 5 लाख मीट्रिक टन केले आयात करने के लिए तैयार है. एजेंसी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि भारत अपने केले के निर्यात को रूसी बाजार में बढ़ा सकता है. इस बारे में रूस के कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा की निगरानी करने वाली यह एजेंसी भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर प्रक्रिया तय कर रही है.
एजेंसी के प्रमुख सर्गेई डैंकवर्ट ने भारत के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की. इस दौरान दोनों देशों के बीच कृषि उत्पादों के आपसी व्यापार को बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा हुई. इसमें भारत से झींगा, मछली और दूसरे कृषि उत्पादों के निर्यात पर भी बात हुई.
रूसी एजेंसी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 3.3 करोड़ टन है. ऐसे में रूस अपनी फल आपूर्ति को विविध बनाना चाहता है और भारत को एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रहा है. एजेंसी ने बताया कि दोनों देशों के विशेषज्ञ 16 अक्टूबर को तकनीकी परामर्श जारी रखेंगे, जिसमें केले के निर्यात से जुड़ी फाइटोसैनिटरी (पौध संरक्षण) शर्तों पर विचार किया जाएगा.
गौरतलब है कि हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. वे दिसंबर के पहले सप्ताह में नई दिल्ली दौरे पर आने वाले हैं. ऐसे में यह पहल दोनों देशों के बीच कृषि व्यापार संबंधों को नई दिशा दे सकती है.
वहीं, भारत का निर्यात सितंबर माह में 6.74 प्रतिशत बढ़कर 36.38 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि आयात में 16.6 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे देश का व्यापार घाटा 13 महीने के उच्च स्तर 31.15 अरब डॉलर तक पहुंच गया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सोना, उर्वरक और चांदी के आयात में बढ़ोतरी के चलते सितंबर में कुल आयात बढ़कर 68.53 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने 58.74 अरब डॉलर था. यह वृद्धि उस समय दर्ज हुई है, जब अमेरिका ने 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया हुआ है.
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद भारत का वस्तु और सेवा निर्यात अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. अप्रैल से सितंबर के बीच भारत का निर्यात 3.02 प्रतिशत बढ़कर 220.12 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 4.53 प्रतिशत बढ़कर 375.11 अरब डॉलर रहा.
उन्होंने कहा कि घरेलू उद्योग ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को बनाए रखकर अमेरिकी बाजार में अपनी स्थिति मजबूत रखी है, भले ही कुछ लागत बढ़ी हो. उन्होंने बताया कि भारत के करीब 45 प्रतिशत निर्यात अमेरिकी ऊंचे टैरिफ के दायरे से बाहर हैं, जबकि शेष 55 प्रतिशत पर इसका असर पड़ा है. मंत्रालय अब वस्तु-वार आंकड़ों के आधार पर इन टैरिफ के प्रभाव का मूल्यांकन कर रहा है. (पीटीआई)