धान भारतीय किसानों की रीढ़ है. लेकिन खरीफ की मुख्य फसल धान में किसान की मेहनत पर पानी फेरने के लिए कई तरह के कीट घात लगाए बैठे रहते हैं. इससे फसलों को काफी नुकसान होता है. इन कीटों के लगने से किसानों को कई बार लागत निकालना भी मुश्किल होता है. किसानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए इंसेक्टिसाइड्स इंडिया लिमिटेड (IIL) ने धान में तना छेदक कीटों से निपटने के लिए एक नया कीटनाशक सेंट्रन लॉन्च किया है. इस नए कीटनाशक से किसानों को धान की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले तना छेदक कीट से छुटकारा मिलेगा और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी.
मीडिया में जारी एक बयान में कहा गया है कि कीटनाशक सेंट्रन को IIL की शोध और विकास टीम ने विकसित किया है. सेंट्रन कीट नियंत्रण और फसल पोषण के लिए सक्रिय तत्वों का अनूठा मिश्रण है. यह कीटनाशक उत्पादन को बढ़ाने और मजबूत जड़ के विकास के लिए बेहतर है. ऐसे में अगर किसान इस कीटनाशक का इस्तेमाल करें तो बेहतर उपज के साथ ही अधिक लाभ कमा सकते हैं.
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आईआईएल के प्रबंध निदेशक राजेश कुमार अग्रवाल के हवाले से बयान में कहा गया है कि किसानों को अक्सर अपनी फसलों को कीटों से बचाने और उनकी उत्पादकता में सुधार करने की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ता है. लेकिन नया कीटनाशक सेंट्रन कीट फसल के नियंत्रण और उसके स्वास्थ्य के प्रति अच्छा है. उन्होंने बताया कि उन्नत प्रौद्योगिकी को अपना कर और भारतीय कृषि की विशिष्ट आवश्यकताओं को समझकर इस कीटनाशक को विकसित किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आईआईएल में, हमारा ध्यान ऐसी दवा बनाने पर रहता है जो नुकसान को कम करता है और कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार करता है.
मुख्य मार्केटिंग अधिकारी दुष्यंत सूद ने कहा कि सेंट्रन आईआईएल की अनुसंधान और विकास टीम द्वारा विकसित एक और उत्पाद है. यह न केवल फसल को तना छेदक कीटों से बचाता है, बल्कि फसल को ऊर्जा भी देता है. साथ ही जड़ की नींव मजबूत करता है और टिलर की वृद्धि भी अच्छी होती है. सूद ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि सेंट्रन देश के सभी धान उगाने वाले क्षेत्रों में हलचल मचा देगा. चावल के फसल प्रबंधक मनोज भंडारी ने कहा कि सेंट्रन के उपयोग से किसान मजबूत और स्वस्थ तने, तना छेदक कीटों से पूरी तरह सुरक्षा, पौधों की जोरदार वृद्धि, गहरी, मजबूत जड़ और स्वस्थ फसल पा सकते हैं.