पिछले दिनों फिलीपींस के राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस भारत की यात्रा पर आए थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच अहम समझौतों पर साइन हुए. यूं तो दोनों देशों ने कई एग्रीमेंट साइन किए लेकिन सबसे ज्यादा अहम था फिलीपींस का भारत के बासमती चावल के आयात को मंजूरी देना. फिलीपींस के इस फैसले के बाद भारत से बासमती निर्यात में इजाफा होने वाला है. दिलचस्प बात है कि फिलीपींस जो अब तक वियतनाम पर चावल के लिए निर्भर है.
फिलीपींस के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख भारतीय खाद्य उत्पादों के आयात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा और भारतीय चावल निर्यातक संघ (आईआरईएफ) के साथ एक मीटिंग की है. निर्यातक संघ के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने एक बयान में कहा कि इस समझौते में फिलीपींस की ओर से भारत से चावल, भैंस के मांस, सब्जियों, फलों और मूंगफली जैसी जरूरी वस्तुओं के आयात को प्राथमिकता देने का वादा किया है.
आईआरईएफ की उपस्थिति में हुई इस मीटिंग का मुख्य मकसद कृषि संबंधों को मजबूत करना और सप्लाई चेन में विविधता लाना था. आईआरईएफ की मानें तो इस उपाय के तहत चीनी उत्पादों पर निर्भरता को कम करना और मजबूत द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है. बैठक में सबसे खास था फिलीपींस का बासमती चावल के आयात पर प्रतिबंध हटाने का निर्णय करना.
इस कदम से भारत के प्रीमियम चावल निर्यात में खास इजाफा होने और फिलीपींस के उपभोक्ताओं को उच्च-गुणवत्ता वाली भारतीय चावल किस्मों तक बेहतर पहुंच मिलने की उम्मीद है. आईआरईएफ की तरफ से बताया गया है कि फिलीपींस सरकार ने बासमती चावल के आयात पर प्रतिबंध हटाने के लिए एक समझौता किया.
फिलीपींस ने बताया है कि यह समझौता भारत-फिलीपींस संबंधों में एक महत्वपूर्ण विकास को दिखाता है. दोनों देशों की कृषि, व्यापार और आर्थिक विकास में मिलकर काम करने की मंशा को दर्शाता है. भू-राजनीतिक बदलावों के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन में अनिश्चितता के दौर से गुज़रते हुए, ऐसी साझेदारियां तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही हैं. यह समझौता दोनों देशों के बीच बेहतर खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विस्तार और विविध व्यापार में योगदान देगा.
फिलीपींस दुनिया का वह देश इंपोर्टर है. अभी तक वह घरेलू स्तर पर स्टेबल सप्लाई और प्रतिस्पर्धी कीमतें करने के लिए 90 फीसदी चावल के लिए वियतनाम से आयात के लिए निर्भर है. उसका मकसद है कि अब दूसरे देशों को भी इस तरफ लाया जा सके. हालांकि फिलीपींस ने 60 दिनों तक के लिए चावल के आयात पर अस्थायी बैन लगाया है. यह बैन 1 सितंबर से लागू होगा लेकिन इसके हटने के बाद भारत से चावल का निर्यात शुरू हो सकेगा.
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