केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में 6 रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की घोषणा से खुदरा मुद्रास्फीति पर सीमित प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की रिपोर्ट ने ये दावा किया है. 1 अक्टूबर, 2025 को केंद्र ने 2026-27 रबी विपणन सत्र के लिए संशोधित एमएसपी की घोषणा की है. इसमें गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और कुसुम जैसी प्रमुख फसलों में 4.0 प्रतिशत से 10.1 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई.
केंद्रीय बजट 2018-19 की प्रतिबद्धता के अनुरूप, एमएसपी अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक निर्धारित किया गया है. उत्पादन लागत पर मार्जिन उल्लेखनीय रूप से काफी अच्छा है. गेहूं के लिए 109 प्रतिशत, मसूर के लिए 89 प्रतिशत और रेपसीड एवं सरसों के लिए 93 प्रतिशत है, जो किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने पर सरकार के फोकस को दर्शाता है.
गौरतलब है कि भारत की प्रमुख रबी फसल गेहूं के लिए नया एमएसपी 6.6 प्रतिशत बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि जौ के लिए 2,150 रुपये (+8.6 प्रतिशत), चना के लिए 5,875 रुपये (+4.0 प्रतिशत), मसूर के लिए 7,000 रुपये (+4.5 प्रतिशत), रेपसीड और सरसों के लिए 6,200 रुपये (+4.2 प्रतिशत) और कुसुम के लिए 6,540 रुपये (+10.1 प्रतिशत) निर्धारित किया गया है.
एमएसपी में इस बढ़ोतरी के बावजूद, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)-भारित औसत एमएसपी वृद्धि केवल 5.6 प्रतिशत है, जो 2025-26 के 5.9 प्रतिशत और 2024-25 के 5.8 प्रतिशत से कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसपी संशोधन मुद्रास्फीति को प्रभावित करते हैं, लेकिन उनका वास्तविक प्रभाव बफर स्टॉक के स्तर, मौसम के पैटर्न और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता सहित कई कारकों पर निर्भर करता है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अच्छे भंडार स्तर और पर्याप्त बफर स्टॉक के साथ, रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि खुदरा खाद्य कीमतें शेष वर्ष के लिए स्थिर रहेंगी, भले ही एमएसपी अधिक हो. हालांकि, हमें उम्मीद है कि एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी, अच्छे बफर स्टॉक और उच्च भंडार स्तर के कारण शेष वर्ष के लिए खुदरा कीमतें कम रहेंगी.
बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान दशहरा की पूर्व संध्या पर दो बड़े फैसले लिए. इसमें राष्ट्रीय दलहन मिशन को मंजूरी देना और साथ ही रबी फसलों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में वृद्धि करना शामिल है. (सोर्स- ANI)
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