भाखड़ा-नांगल बांध से पानी के बंटवारे का विवाद अभी पूरी तरह सुलझा नहीं है. इस बीच बुधवार को ताजा जल वितरण चक्र शुरू होने के बाद भाखड़ा-नांगल बांध से हरियाणा के लिए पानी छोड़ दिया गया. वहीं, आम आदमी पार्टी ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के विरोध में पिछले 20 दिनों से चल रहा अपना धरना वापस ले लिया. सीएम मान ने नीति आयोग की बैठक में बीबीएमबी के पुनर्गठन का मुद्दा उठाने की बात कही है. वहीं, केंद्र ने भाखड़ा डैम की सुरक्षा को लेकर सीआईएसएफ जवानों की तैनाती के निर्देश दिए हैं.
पंजाब और हरियाणा में पानी के बंटवारे को लेकर टकराव चल रहा है. पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने भाखड़ा बांध से पानी साझा करने से इनकार करते हुए कहा है कि पड़ोसी राज्य पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है. इसलिए वह उसे अतिरिक्त पानी नहीं देगा.
हरियाणा 8,500 क्यूसेक पानी की मांग कर रहा था, लेकिन पंजाब सरकार ने मानवीय आधार पर 4,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की ही अनुमति दी. आप कार्यकर्ता हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से रोकने के लिए पिछले 20 दिनों से भाखड़ा बांध के नीचे स्थित नांगल बांध पर धरना दे रहे थे. वहीं, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने पिछले हफ्ते एक बैठक में फैसला किया कि पंजाब को 17,000 क्यूसेक, हरियाणा को 10,300 क्यूसेक और राजस्थान को 12,400 क्यूसेक पानी मिलेगा.
पंजाब ने तब पड़ोसी राज्य की 21 मई से 10,300 क्यूसेक पानी की मांग का विरोध किया था और भाखड़ा मेन लाइन (बीएमएल) नहर की क्षमता और सीमावर्ती राज्य की अपनी जरूरतों को देखते हुए इसे ‘अव्यवहारिक’ बताया था. वहीं, केंद्र सरकार ने भाखड़ा बांध को आतंकवाद रोधी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए 296 सशस्त्र सीआईएसएफ कर्मियों की टुकड़ी को मंजूरी दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खतरे की आशंका को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है.
रिपोर्ट के मद्देनजर पंजाब-हिमाचल प्रदेश सीमा पर नांगल में स्थित बांध पर बल को तैनात किया जाए. सूत्रों ने बताया कि किसी भी तोड़फोड़ या आतंकवादी हमले जैसे खतरे से इसे सुरक्षित रखने के लिए कुल 296 केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों को भाखड़ा बांध पर तैनात किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जैसे ही वहां जवानों के लिए रसद और आवास संबंधी मुद्दों का समाधान हो जाएगा, बल अपनी स्थिति संभाल लेगा.
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इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नांगल में एक विजय रैली को संबोधित करते हुए हरियाणा को बुधवार से पानी मिलना शुरू हो जाएगा. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैं फिर से हरियाणा के अधिकारियों से पानी का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने के लिए कहना चाहता हूं. पंजाब से अधिक पानी की उम्मीद न करें.
मान ने दावा किया कि बुधवार को समाप्त हुए पिछले जल चक्र में हरियाणा को 15.06 लाख क्यूसेक पानी आवंटित किया गया था, लेकिन हरियाणा ने 16.48 लाख क्यूसेक का इस्तेमाल किया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में बीबीएमबी के पुनर्गठन का मुद्दा उठाएगा. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे.
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उन्होंने कहा कि चूंकि जल स्तर लगातार बदल रहा है, इसलिए हर जल समझौते की हर 25 साल बाद समीक्षा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, जो देश को खिलाने के लिए पानी और उपजाऊ मिट्टी के मामले में अपने एकमात्र उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का पहले ही भरपूर दोहन कर चुका है. मान ने दुख जताया कि जिस तरह से बीबीएमबी राज्य के पानी के वैध हिस्से को “छीनने में एक पक्ष बन गया” वह दुर्भाग्यपूर्ण और बहुत ही निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि हरियाणा ने मार्च में अपने हिस्से का पानी खत्म कर दिया, लेकिन बीबीएमबी ने राज्य के पानी को ‘छीनने’ के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार की ‘कठपुतली’ के रूप में काम किया. मान ने कहा कि अभूतपूर्व तरीके से बीबीएमबी के चेयरमैन खुद राज्य के हिस्से का पानी चुराने के लिए नांगल आए, लेकिन राज्य के लोगों ने इस कदम को विफल कर दिया.
मान ने दावा किया कि बीबीएमबी ने अपने अस्तित्व के लिए जरूरी परियोजनाओं के लिए पंजाब से 32 करोड़ रुपये लिए थे, लेकिन उसने कभी पैसे वापस नहीं किए. उन्होंने दावा किया कि पंजाब पर बीबीएमबी का करीब 150 करोड़ रुपये बकाया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही इस पैसे की वसूली के लिए दावा करेगी.
मुख्यमंत्री ने बीबीएमबी को सफेद हाथी करार दिया और मौजूदा स्वरूप में इसे अस्वीकार्य बताया. उन्होंने कहा कि पंजाब के कोटे के 3,000 पदों को बीबीएमबी ने जानबूझकर नहीं भरा है, ताकि पानी पर राज्य के दावे को कमजोर किया जा सके. मान ने कहा कि नांगल जैसे सुंदर तरीके से डिजाइन किए गए टाउनशिप भी बीबीएमबी की अनदेखी के कारण बर्बाद हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि पंजाब का पाकिस्तान के साथ 553 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा के लिए बलिदान देने का गौरवशाली इतिहास रहा है. मान ने कहा कि क्षेत्रफल में छोटा होने के बावजूद हरियाणा को पंजाब से अधिक पानी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि आज राज्य की लगभग 60 प्रतिशत कृषि भूमि नहरों के माध्यम से सिंचित होती है, जिससे पंजाब के पानी की प्रत्येक बूंद अत्यंत मूल्यवान हो जाती है. (पीटीआई)