हम आज ऐसे अनाज की बात कर रहे हैं जो आम अनाज से थोड़ा मोटा होता है. यह मोटा अनाज अनेक गुणों से भरा होता है. मोटे अनाज के गुणों को देखते हुए उनको फिर से जानने-समझने और खाने में शामिल करने का समय आ गया है. इसे हम ही नहीं, पूरी दुनिया मान रही है. मोटे अनाज गुणों की खान हैं. मोटे अनाजों को घास की तरह उगने वाला अनाज भी कहा जाता है, क्योंकि ये तेजी से बढ़ जाते हैं. इनके लिए बहुत अधिक संसाधनों की भी ज़रूरत नहीं होती है. इसी में एक अनाज है कंगनी. कंगनी एक बाजरे का प्रकार है जो भारत की मूलभूत फसलों में से एक है.
यह एक बहुत महत्वपूर्ण फसल है जो भोजन के लिए उगाई जाती है और अपने उच्च पोषण के लिए जानी जाती है. यह भारत के कई हिस्सों में मुख्य भोजन है और यह दुनिया की सबसे पुरानी खेती वाले अनाजों में से एक है.
कंगनी को अंग्रेजी में फॉक्सटेल मिलेट के नाम से भी जाना जाता है. विदेशों का ये मुख्य अनाज है और इसे छोटा चावल भी कहा जाता है. अमेरिका और यूरोप में इसे पक्षियों के लिए उगाया जाता है. कंगनी एक सुगंधित अनाज है जो उत्तर भारत और चीन जैसे कुछ देशों में बहुत उपयोगी है. यह अनाज ठंडी तासीर वाला होता है जिसे गर्मियों में ही खाना सबसे बेहतर माना जाता है क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है. वहीं इसका स्वाद हल्का मीठा और कड़वा होता है.
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कंगनी अनाज का उपयोग लोग कई तरीकों से करते हैं. लोग इसकी रोटी, भात, खीर और अन्य व्यंजन बनाकर खाते हैं. वहीं आधुनिक तरीकों से इससे बिस्कुट, लड्डू, इडली, पिज्जा, केक और मिठाइयां भी बनाई जा सकती हैं. लोग इस तरह के कई व्यंजन बनाते हैं क्योंकि कंगनी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है.
कंगनी पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें कैल्शियम और डाइटरी फाइबर बहुत अधिक होता है. इसके अलावा इसमें विभिन्न प्रकार के मिनरल्स, एंजाइम्स और विटामिंस पाए जाते हैं. कंगनी में फॉलिक एसिड, मैग्नीशियम, पोटेशियम और बीटा-कैरोटीन भी पाया जाता है.