MSP पर 1,223 लाख टन अनाज खरीद, किसानों को 3.47 लाख करोड़ का भुगतान

MSP पर 1,223 लाख टन अनाज खरीद, किसानों को 3.47 लाख करोड़ का भुगतान

MSP को उत्पादन लागत के डेढ़ गुना स्तर पर रखने की नीति जारी. फसल बीमा और इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत भी किसानों को बड़ी आर्थिक मदद.

Shivraj Singh Crop ProcurementShivraj Singh Crop Procurement
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Dec 02, 2025,
  • Updated Dec 02, 2025, 7:05 PM IST

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को संसद को बताया कि केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2024-25 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 1,223 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीद किया है और इस खरीद के बदले किसानों को सीधे 3.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.

लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि MSP हर साल कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर और राज्यों और संबंधित मंत्रालयों की राय लेने के बाद तय की जाती है.

उन्होंने याद दिलाया कि 2018-19 के बजट में MSP को उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना स्तर पर रखने का सिद्धांत घोषित किया गया था और उसके बाद से सभी खरीफ, रबी और कमर्शियल फसलों के MSP इसी मानक के आधार पर बढ़ाए गए हैं. मंत्री ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि बढ़े हुए MSP का सीधा फायदा देश के किसानों को मिला है.

फसल बीमा योजनाओं से भी किसानों को राहत

चौहान ने बताया कि किसानों की आय स्थिर रखने और प्राकृतिक आपदाओं में उन्हें सुरक्षा देने के लिए सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और वेदर-बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम का संचालन कर रही है. 2024-25 के दौरान इन योजनाओं के तहत किसानों को 12,256 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.

उन्होंने कहा कि ये दोनों बीमा योजनाएं खरीफ 2016 से लागू हैं और बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक फसल को हुए नुकसान की भरपाई करती हैं. यह स्कीम राज्यों और किसानों दोनों के लिए वैकल्पिक (वॉलंटरी) है.

AIF के तहत 1.39 लाख से अधिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी

सरकार द्वारा 2020-21 में शुरू किए गए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) के तहत 25 नवंबर 2025 तक 76,980 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. यह योजना पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट और अन्य कृषि अवसंरचना परियोजनाओं के लिए ब्याज छूट और क्रेडिट गारंटी सपोर्ट मुहैया करती है.

मंत्री के अनुसार, AIF के तहत अब तक 1,39,837 प्रोजेक्ट्स मंजूर किए गए हैं, जिनसे देश के कृषि क्षेत्र में 1,22,731 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.

ऑर्गेनिक खेती और मार्केटिंग सुधारों पर जोर

केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने और टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और अन्य कृषि विपणन योजनाओं को भी आगे बढ़ा रही है.

मंत्री ने कहा कि इन सभी पहलों का उद्देश्य किसानों को बेहतर दाम, स्थिर आय और आधुनिक खेती के संसाधन उपलब्ध कराना है.

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