
कैल्शियम हड्डियों और दांतों के लिए बहुत ही आवश्यक रासायनिक तत्व होता है. कैल्शियम हड्डियों के लिए आवश्यक रूप से उचित मात्रा में पाया जाना चाहिए. इससे हड्डियों का वृद्धि और विकास होता रहता है. साथ ही उनके टूटने और कमजोर होने का खतरा कम होता है. पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होने से दांत मजबूत होते हैं साथ ही बच्चों की लम्बाई बढ़ाने के लिए भी कैल्शियम का उचित मात्रा में होना आवश्यक होता है. यह चमकीले रंग का होता है और यदि इसको जलाया जाए तो इससे लाल और पीले रंग का धुआं निकलता है. यह अपने साथ के तत्वों की तुलना में थोड़ा कम क्रियाशील हो सकता है.
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असल में कैल्शियम शरीर के अंदर के अंगों और कोशिकाओं को जोखिम से बचाता है. यदि बात करें कि हमें उचित मात्रा में कैल्शियम कहां से मिलेगा तो सबसे पहले हमारे मन में दूध का नाम सामने आता है. लेकिन, दूध के अलावा भी ऐसे कई मोटे अनाज (millets) हैं, जो कैल्शियम का अच्छा स्रोत हो सकते हैं. आइए जानते हैं उन प्रमुख मोटे अनाजों के बारे में जिनमें आवश्यक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है.
कैल्शियम का नाम सुनते ही सबसे पहले दूध का मान सबके जेहन में आता है. लेकिन, हम आपको दूध के अलावा ऐसे Millets (मोटे अनाज) के बारे में बताएंगे जिनके सेवन से शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है. जैसे रागी में दूध से भी अधिक कैल्शियम पाया जाता है. 100 ग्राम रागी में 364 मिग्रा, कंगनी 31 मिग्रा, ज्वार में 27.6 मिग्रा कैल्सियम पाया जाता है.आइए देखते हैं मोटे अनाजों की सूची जो कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है.
| अनाज | प्रति 100 ग्राम में कैल्शियम की मात्रा |
| रागी | 364 मिली ग्राम |
| कंगनी | 31 ग्राम |
| ज्वार | 27.6 ग्राम |
| बाजरा | 27.4 |
| सवां | 20 |
| कुटकी | 16.1 |
| कोदो | 15.3 |
| चेना | 14 |
| गेहूं | 39.4 |
| चावल | 7.5 |
दुनियाभर में वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. इसका शुभारंभ 6 नवंबर 2022 को रोम और इटली से किया जा चुका है. यह आयोजन विश्व में मोटे अनाज की वैश्विक मांग बनाने के लिए किया जा रहा है.भारत सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय बाजार को इसके लिए चिन्हित करने का फैसला लिया था. उसके बाद भारत नें 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को 2023 को अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. भारत को 72 देशों का समर्थन मिला और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप में घोषित किया है.
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