Kisan Diwas 2022: राजीव गांधी ने ऐसा क्या किया कि एक झटके में चरण सिंह का दिल पिघल गया, पढ़ें ये पूरा किस्सा

Kisan Diwas 2022: राजीव गांधी ने ऐसा क्या किया कि एक झटके में चरण सिंह का दिल पिघल गया, पढ़ें ये पूरा किस्सा

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की आज जयंती है और इसी उपलक्ष्य में देश भर में किसान दिवस (Kisan Diwas) मनाया जाता है. चौधरी चरण सिंह अक्सर राजीव गांधी को लेकर कई तरह की बातें कहते थे, मगर राजीव गांधी अक्सर ही अपने व्यवहार से उनका और देश का दिल जीतते रहे. पढ़िए क्या था ये किस्सा

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह. पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह.
नासि‍र हुसैन
  • Noida ,
  • Dec 23, 2022,
  • Updated Dec 23, 2022, 2:00 PM IST

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह और राजीव गांधी को लेकर दिल्ली में कई किस्से आम हुए हैं. जब कभी चरण सिंह भरी पब्लिक मीटिंग में मंच से राजीव गांधी पर तंज करते तो चर्चा होती कि अब विपक्ष सत्ता पक्ष को चैन से नहीं बैठने देगा, लेकिन अगले ही पल जब खान मार्केट में बैठकर हौसला अफजाई करते तो अलग तरह की कानाफूसी शुरू हो जाती. चौधरी चरण सिंह अक्सर राजीव गांधी के बारे में यह भी कहते कि नया है, युवा है कुछ मौका तो दो करने का. इस पर कुछ लोग यहां तक कह देते कि दोस्त का नवासा है तो दुलार दिखा रहे हैं. हालांकि इस सबके बीच राजीव गांधी ने भी चरण सिंह को सम्मान देने का कोई मौका नहीं गंवाया.  

चौधरी चरण सिंह ने बेशक कई मौकों पर भरी रैली में यहां तक कहा कि जहाज उड़ाने वाला विदेश से पढ़कर आया लड़का क्या देश चलाएगा, फिर भी राजीव गांधी हर बार अपने व्यवहार से दिल जीतते रहे. 

जब राजीव गांधी ने पैर छूकर कहा, नानाजी प्रणाम 

चौधरी चरण सिंह के करीबी और चार यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रहे जयपुर निवासी डॉ. के.एस. राना ने किसान तक को बताया कि एक बार जब राजीव गांधी पीएम थे तो विपक्ष का प्रतिनिध मंडल उनसे मिलने गया. एक मांगपत्र भी तैयार किया गया. इसमें पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल थे. जब सभी लोग मीटिंग वाले कमरे में पहुंचे तो राजीव गांधी खुद अपनी कुर्सी से उठकर दरवाजे पर आए और चौधरी चरण सिंह के पैर छूते हुए कहा - नानाजी प्रणाम. 

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यह देखकर सभी अचंभित रह गए. किसी को इसकी उम्मीद नहीं थी. राजीव गांधी ने मांग पत्र लेकर उसमें से आधी मांग तो उसी वक्त मंजूर कर लीं, बाकी के लिए कुछ वक्त मांगा. जिस पर चरण सिंह जी ने हामी भर दी. अब जब सब जाने लगे तो एक बार फिर से राजीव गांधी ने पैर छूए और नानाजी प्रणाम कहा. पंडित जवाहरलाल नेहरू का चरण सिंह जी ने कितना ही विरोध किया हो, लेकिन दोनों के बीच संबंध अच्छे थे, इसीलिए राजीव उन्हें नाना कहते थे.

मीटिंग से लौटने के बाद अटलजी ने बाकी बची मांग का जिक्र किया, इस पर चरण सिंह जी ने कहा- नया लड़का है, अभी कुर्सी संभाली है. संस्कारी और पढ़ा-लिखा भी है, कुछ वक्त दो उसे काम करेगा ऐसा मेरा यकीन है. 

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