पीएम किसान योजना देश के किसानों के लिए एक बड़ा सहारा है लेकिन अब इसी योजना का फायदा कुछ गलत लोग उठाने लगे हैं. इस योजना के नाम पर लोगों से ठगी शुरू हो गई है और ऐसा एक मामला पिछले दिनों केरल में सामने आया. केरल के अलप्पुझा में एक महिला ने फेक पीएम किसान योजना से जुड़ीं कुछ APK फाइलें डाउनलोड कर डालीं. इस चक्कर में महिला ने एक लाख रुपये गंवा दिए. हैरानी की बात है कि इसको मुंबई के धारावी से चलाया जा रहा था और पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है.
अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अलप्पुझा पुलिस ने इस मामले की जांच के सिलसिले में मुंबई के धारावी से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. 42 साल का आरोपी आजाद खान उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का रहने वाला है. उसे पिछले दिनों अलप्पुझा लाया गया और जहां एक लोकल कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अलप्पुझा पुलिस सुपरीटेंडेंट एम. पी. मोहनचंद्रन ने कहा कि जांच जारी है ताकि इसमें शामिल बाकी लोगों का पता लगाया जा सके. पुलिस का मानना है कि इतने बड़े स्तर पर धोखाधड़ी के पीछे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हो सकता है.
पुलिस ने धोखाधड़ी के तरीके को बताते हुए कहा कि पीएम किसान योजना की फर्जी APK फाइलें 18 अप्रैल को पत्तनक्कड़ पंचायत से जुड़े एक व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर की गई थीं. ग्रुप में शामिल एक महिला ने लिंक पर क्लिक किया और फाइलें डाउनलोड कर लीं. इससे उसके फोन की एक डुप्लीकेट फाइल तैयार हो गई. इसके बाद उसके क्रेडिट कार्ड की जानकारी भी चोरी हो गई. उसी दिन, उसके कार्ड का प्रयोग फ्लिपकार्ट पर शॉपिंग के लिए किया गया. इससे करीब 96,312 रुपये का नुकसान हुआ.
महिला ने मई में शिकायत दर्ज कराई थी और इसके बाद अलप्पुझा सुपरीटेंडेंट पत्तनक्कड़ थाना प्रभारी केएएस जयन के नेतृत्व में एक खास टीम बनाई. जिला साइबर सेल की मदद से टीम ने फ्लिपकार्ट से खरीदारी की डिटेल्स इकट्ठा कीं. पुलिस को तब पता लगा कि हैक किए गए कार्ड का प्रयोग कर पांच मोबाइल फोन खरीदे गए थे. फिर उन्होंने IMEI नंबर और टॉवर लोकेशन ट्रैक की जिससे पता चला कि फोन मुंबई में एक्टिव थे. मुंबई पुलिस की सहायता से, अलप्पुझा टीम ने फोन उपयोगकर्ताओं का पता बांद्रा, सीएसटी और धारावी में लगाया.
पुलिस अधिकारियों में से रतनीश गोपकुमार ने बताया, 'मुंबई पुलिस की मदद से इंस्पेक्टर जयन की टीम ने उन व्यक्तियों का सामना किया जो फोन का उपयोग कर रहे थे. सभी के पास धारावी में माहिम रोड पर एक मोबाइल शॉप का वही पता था. दुकान के मालिक ने स्वीकार किया कि मोबाइल सेट आजाद खान ने बेचे थे.' इंस्पेक्टर जयन ने कहा कि पुलिस, खान की हिरासत मांगेगी. उन्होंने कहा, 'हालांकि कई लोगों को व्हाट्स एप लिंक मिला लेकिन और शिकायतें नहीं मिली हैं. डिजिटल एविडेंस हासिल कर धोखाधड़ी की पूरी सीमा का पता लगाया जाएगा.'
पीड़िता रनिमोल ने बताया कि लिंक पंचायत अधिकारियों की तरफ से जानकारी शेयर करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले व्हाट्सएप ग्रुप में आया था. उन्होंने कहा कि शक करने का कोई कारण नहीं था. उन्होंने लिंक पर क्लिक किया और यह खुल गया. उसी शाम उन्होंने अपने क्रेडिट कार्ड से एक खरीदारी की. इसके तुरंत बाद उन्हें 10 मिनट के भीतर पांच ओटीपी मिले. उन्होंने ओटीपी शेयर नहीं किए थे इसलिए उन्हें लगा कि वह सुरक्षित हैं. लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उन्हें करीब एक लाख रुपये का चूना लग चुका था. इसके बाद उन्होंने साइबरक्राइम सेल, अपने बैंक और आरबीआई से संपर्क किया, और पत्तनक्कड़ पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.
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