केंद्र सरकार ने गन्ना इस्तेमाल से बनने वाले इथेनॉल की संशोधित कीमतों को बीते दिन मंजूरी दी है. इसमें केवल सी-हैवी गुड़ से बनने वाले इथेनॉल की कीमत को बढ़ाया गया है. जबकि, बी-हैवी गुड़ और गन्ने के रस से बनने वाले इथेनॉल की कीमतें पूर्व की तरह ही रखी गई हैं. भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने कहा है कि केवल एक सी-हैवी गुड़ से बने इथेनॉल की कीमत में बढ़ोत्तरी से इंडस्ट्री निराश है. ISMA ने गन्ने के रस और बी-हैवी गुड़ से इथेनॉल की कीमतों में व्यापक संशोधन का आग्रह किया है ताकि इंडस्ट्री की व्यवहार्यता का समर्थन किया जा सके और किसानों को समय पर गन्ना भुगतान सुनिश्चित किया जा सके. उम्मीद की जा रही है कि सरकार 1 फरवरी को पेश हो रहे बजट में या उसके बाद इस पर फैसला ले सकती है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते दिन कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए गन्ना आधारित इथेनॉल के संशोधित खरीद मूल्यों को मंजूरी दी गई है. नई कीमतें सी-हैवी गुड़ के लिए 57.97 रुपये प्रति लीटर तय की गई हैं. पहले सी हैवी गुड़ से बने इथेनॉल के लिए कीमत 56.28 रुपये प्रति लीटर थी. यानी कीमत में 1.69 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की है. जबकि, बी-हैवी गुड़ और चीनी, चीनी सिरप के लिए दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने कहा है कि पिछले दो वर्षों से बी-हैवी गुड़ और चीनी सिरप के लिए कीमतों में कोई संशोधन नहीं किया गया है. बी-हैवी गुड़ के लिए 60.73 रुपये प्रति लीटर और गन्ने के रस, चीनी या चीनी सिरप के लिए कीमत 65.61 रुपये प्रति लीटर है. निकाय ने कहा कि इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि इन दोनों के लिए भी सरकार कीमतों में इजाफा करेगी. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया है. कहा गया कि गन्ने के रस और बी-हैवी गुड़ से इथेनॉल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं होने से चीनी उद्योग निराश है. पिछले दो वर्षों से कीमतों में कोई संशोधन नहीं होने के कारण ISMA ने गन्ने के रस और बी-हैवी गुड़ से इथेनॉल की कीमतों में बड़े स्तर पर संशोधन का आग्रह किया है. ताकि इंडस्ट्री की व्यवहार्यता का समर्थन किया जा सके और किसानों को समय पर गन्ना भुगतान सुनिश्चित किया जा सके. एक रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में से कुछ चीनी मिलों पर अभी भी गन्ना भुगतान बकाया है.
भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने कहा कि पिछले दो वर्षों में बढ़ती इनपुट लागतों को दर्शाने के लिए इथेनॉल मूल्य संशोधन की जरूरत है. गन्ने के रस और बी हैवी मोलासेस से बने इथेनॉल की कीमतों में अंतिम बार 2022-23 ESY में संशोधन किया गया था. चूंकि गन्ने का FRP कुल 100 रुपये प्रति लीटर से दोगुना हो गया है. 2024-25 सीजन के लिए 350 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 3,400 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. एफआरपी में यह वृद्धि लगभग 11.5 फीसदी है, जिसका असर इथेनॉल खरीद मूल्यों पर भी दिखना चाहिए. नतीजतन, इथेनॉल के उत्पादन की लागत में काफी वृद्धि हुई है. इसलिए, इथेनॉल उत्पादन को व्यवहार्य बनाने, उद्योग को वित्तीय रूप से स्थिर बनाने और किसानों को समय पर भुगतान करने के लिए इथेनॉल की कीमत को मौजूदा स्तरों से बढ़ाने की जरूरत है.
ISMA ने कहा कि विभिन्न चीनी फीडस्टॉक्स से इथेनॉल की कीमतों के पिछले निर्धारणों के आधार पर इथेनॉल खरीद मूल्यों के निर्धारण के लिए सरकार की ओर से गन्ने के एफआरपी और इथेनॉल खरीद मूल्यों के बीच संबंध का पालन किया जाना चाहिए. निकाय ने मांग की है कि पिछली प्रैक्टिस के अनुसार इनपुट लागत में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए इथेनॉल की कीमत निर्धारित करने के लिए गन्ने के एफआरपी से जुड़े एक फॉर्मूला आधारित दृष्टिकोण का पालन किया जाए. ऐसा करने से इंडस्ट्री की व्यवहार्यता और किसान कल्याण के लिए समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा.
इस क्षेत्र ने विशाल क्षमता निर्माण के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है जो पिछले 5 वर्षों में ही दोगुना हो गया है. वर्तमान क्षमता लगभग 850 करोड़ लीटर है और इंडस्ट्री अपनी क्षमता को और बढ़ाने में सक्षम है और सरकार की ओर से निर्धारित ब्लेंडिंग टारगेट को पाने में सक्षम है. इस लिए सरकार को इथेनॉल कीमतों को संशोधित कर निवेश को प्रोत्साहन देना चाहिए. इसके अलावा यह भी ध्यान देने योग्य है कि चीनी इंडस्ट्री की व्यवहार्यता के लिए सरकार के पूरे दिल से समर्थन के बिना, ई20 से आगे के लिए तैयार किए जा रहे रोडमैप में इसके निवेश और उसके बाद के योगदान को बनाए रखना मुश्किल होगा. ISMA ने सरकार से आग्रह किया है कि वह गन्ने के रस और बी-हैवी गुड़ से इथेनॉल की कीमतों में उचित वृद्धि पर फिर से विचार करे ताकि क्षेत्र की व्यवहार्यता का समर्थन किया जा सके और किसानों को समय पर गन्ना भुगतान सुनिश्चित किया जा सके.