ISMA ने चीनी का MSP 40.2 रुपये किलो करने की मांग की, किसानों के भुगतान पर जताई चिंता

ISMA ने चीनी का MSP 40.2 रुपये किलो करने की मांग की, किसानों के भुगतान पर जताई चिंता

ISMA के महानिदेशक ने कहा कि फरवरी 2019 से चीनी का MSP नहीं बदला गया है, जबकि हर साल गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य FRP बढ़ाया गया है. उन्होंने मिलों की लागत और बिक्री मूल्य के बीच बढ़ते अंतर की ओर सरकार का ध्यान खींचा है.

चीनी उत्पादन में बढ़ोतरीचीनी उत्पादन में बढ़ोतरी
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 26, 2025,
  • Updated Sep 26, 2025, 7:10 AM IST

इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने सरकार से 2025-26 चीनी सीजन के लिए चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) को मौजूदा 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर कम से कम 40.2 रुपये प्रति किलोग्राम करने की मांग की है. यह मांग चीनी उद्योग की लागत में बढ़ोतरी और गन्ने की कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए की गई है. इस्मा ने एमएसपी में 9 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी की मांग की है.

ISMA के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि फरवरी 2019 से चीनी का MSP नहीं बदला गया है, जबकि हर साल गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (FRP) बढ़ाया गया है. इससे मिलों की लागत और बिक्री मूल्य के बीच अंतर बढ़ता जा रहा है, जो उद्योग को अस्थिर कर सकता है.

MSP बढ़ाने की जरूरत क्यों?

गन्ने की FRP 2018-19 से अब तक 29% बढ़कर 355 रुपये प्रति क्विंटल हो चुकी है (2025-26 सीजन के लिए). लेकिन इस दौरान चीनी का MSP 31 रुपये/किलोग्राम पर स्थिर रहा. ISMA के अनुसार, मौजूदा FRP पर चीनी उत्पादन की लागत 40.2 रुपये/किलोग्राम तक पहुंच गई है.

इस स्थिति में मौजूदा MSP चीनी मिलों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. यदि MSP में तत्काल सुधार नहीं हुआ, तो मिलों की वित्तीय स्थिति बिगड़ सकती है और किसानों को समय पर भुगतान करना कठिन हो जाएगा.

ISMA ने यह भी चेतावनी दी कि मिलों द्वारा एथनॉल उत्पादन में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने के बावजूद, एथनॉल की कीमतों में कोई संशोधन नहीं किया गया, जिससे मिलों पर और दबाव बढ़ा है.

ISMA की प्रमुख सिफारिशें:

गन्ने के FRP और चीनी के MSP के बीच एक स्वचालित लिंकिंग मैकेनिज्म बनाया जाए, ताकि लागत में बदलाव के अनुसार MSP को संशोधित किया जा सके.

इससे किसानों की आय सुरक्षित रहेगी, मिलों का संचालन सुचारू होगा, और उद्योग की स्थिरता बनी रहेगी.

उत्पादन और निर्यात का अनुमान:

  • ISMA ने बताया कि 2025-26 सीजन में चीनी उत्पादन लगभग 349 लाख टन रहने की संभावना है, जिसमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु से बेहतर पैदावार का योगदान रहेगा.
  • चीनी निर्यात 20 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल के 8 लाख टन से कहीं अधिक है.
  • ISMA अक्टूबर 2025 में फसल की स्थिति की समीक्षा कर पहला अग्रिम अनुमान अक्टूबर/नवंबर 2025 में जारी करेगा.

गन्ना किसान भी इस तरह की मांग लगातार उठा रहे हैं और गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि जब एथनॉल से मिलों की कमाई बढ़ रही है तो उसका फायदा किसानों तक पहुंचना चाहिए और गन्ने का भाव बढ़ाया जाना चाहिए.

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