धान की बंपर बुवाई के बीच गैर बासमती चावल निर्यात को मंजूरी, सीमित मात्रा में भेजी जाएगी शिपमेंट 

धान की बंपर बुवाई के बीच गैर बासमती चावल निर्यात को मंजूरी, सीमित मात्रा में भेजी जाएगी शिपमेंट 

सरकार ने सीमित मात्रा में गैर बासमती चावल निर्यात करने को मंजूरी दी है. चावल की यह खेप मलेशिया जाएगी. मलेशिया सरकार ने अपनी खाद्य जरूरत को पूरा करने के लिए भारत सरकार से चावल की मांग की थी.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 21, 2024,
  • Updated Aug 21, 2024, 4:57 PM IST

केंद्र सरकार चुनिंदा देशों को सीमित मात्रा में चावल निर्यात की मंजूरी समय समय पर दे रहा है. अब सरकार ने सीमित मात्रा में गैर बासमती चावल निर्यात करने को मंजूरी दी है. चावल की यह खेप मलेशिया जाएगी. मलेशिया सरकार ने अपनी खाद्य जरूरत को पूरा करने के लिए भारत सरकार से चावल की मांग की थी, जिसके बाद निर्यात को मंजूरी दी गई है. इससे पहले नेपाल, मिस्र, सिंगापुर समेत कई देशों को चावल का निर्यात किया जा चुका है. बता दें कि भारत सरकार ने घरेलू आपूर्ति और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए जुलाई 2023 में गैर बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के नोटीफिकेशन में कहा गया है कि भारत ने मलेशिया को 2,00,000 टन गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2023 में मलेशिया को 1,70,000 टन गैर बासमती सफेद चावल निर्यात की मंजूरी दी थी. मलेशिया को चावल के निर्यात की अनुमति राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के माध्यम से दी गई है. बता दें कि बीते दिनों मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली आए थे. उसी मलेशिया ने चावल की मांग भारत सरकार से की थी. 

इन देशों को सीमित मात्रा में निर्यात कर रहा भारत 

डीजीएफटी ने कहा कि निर्यात की अनुमति सरकार की ओर से अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुरोध करने पर की जा रही है. इससे पहले भारत सरकार ने नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी गणराज्य, फिलीपींस, सेशेल्स, यूएई, सिंगापुर, कोमोरोस, मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, मिस्र और केन्या के साथ ही तंजानिया को अलग-अलग मात्रा में चावल की इसी किस्म के निर्यात की अनुमति दी थी. बता दें कि भारत से सबसे ज्यादा गैर बासमती चावल अफ्रीकी देश बेनिन खरीदता है. इसके अलावा यूएई, नेपाल, बांग्लादेश, वियतनाम, सोमालिया, लाइबेरिया समेत कई अन्य देश भी खरीदारों की लिस्ट में शामिल हैं. 

घरेलू जरूरत के लिए 2023 में लगा था प्रतिबंध 

घरेलू स्तर पर चावल की आपूर्ति बरकरार रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने चावल निर्यात पर रोक के लिए कई तरीके अपनाए थे. पिछले साल अगस्त के आखिर में भारत ने बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम फ्लोर प्राइस 1,200 डॉलर प्रति टन या उससे अधिक लगाकर निर्यात को रोका था. बाद में जुलाई 2023 में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था. 

इस सीजन भारत में चावल की बंपर बुवाई 

भारत विश्व के कुल चावल निर्यात का अकेले 40 फीसदी हिस्सेदारी रखता है और सबसे बड़ा चावल निर्यातक है. इस खरीफ सीजन में चावल की बंपर बुवाई की गई है, जिससे चावल का उत्पादन भी अधिक होने का अनुमान है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन 2024 के लिए 20 अगस्त तक देश में 369.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती की जा रही है, जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में करीब 20 लाख हेक्टेयर रकबा अधिक है. 

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