ICAR-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के ZTM & BPD इकाई ने प्लांट पैथोलॉजी डिवीजन के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय स्तर का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “सतत कृषि व्यवसाय के लिए मशरूम की खेती” पर आयोजित किया. इस कार्यक्रम में देशभर से आए छात्र, किसान, महिला उद्यमी और सरकारी अधिकारी शामिल हुए. कार्यक्रम की शुरुआत 25 अगस्त को ZTM & BPD यूनिट कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई. IARI के निदेशक डॉ. च. श्रीनिवास राव ने उद्घाटन करते हुए मशरूम को सतत खेती और ग्रामीण उद्यमिता का अहम हिस्सा बताया. उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस क्षेत्र में व्यावहारिक ज्ञान लेकर नए स्टार्टअप की ओर कदम बढ़ाएं. इस अवसर पर एक प्रशिक्षण मैनुअल “मशरूम की खेती: सतत कृषि व्यवसाय के लिए” भी लॉन्च किया गया.
प्रशिक्षण के दौरान IARI के प्रमुख वैज्ञानिक जैसे कि डॉ. एम.एस. सहारण, डॉ. दीबा कमिल, डॉ. अमृता दास और ZTM & BPD यूनिट की प्रभारी डॉ. आकृति शर्मा ने विषयों पर गहन जानकारी साझा की.
प्रतिभागियों को निम्नलिखित विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया:
28 अगस्त को प्रतिभागियों को हरियाणा के सोनिपत जिले के एक उन्नत मशरूम फार्म का दौरा कराया गया. वहां उन्होंने खाद तैयार करने से लेकर मार्केटिंग तक की पूरी प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा और सीखा. यह अनुभव उनके व्यावसायिक कौशल को और मजबूत बनाने में मददगार रहा.
29 अगस्त को आयोजित समापन सत्र में IARI के संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ. सी. विश्वनाथन मुख्य अतिथि रहे. उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और IARI के नवाचार प्लेटफार्मों से जुड़े रहने की सलाह दी. उन्होंने सभी को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र भी वितरित किए.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रतिभागियों ने न केवल वैज्ञानिक जानकारी पाई, बल्कि उद्यमिता और खेत स्तर के अनुभव भी प्राप्त किए. उन्होंने IARI के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि अब वे मशरूम व्यवसाय में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं.
ICAR-IARI द्वारा आयोजित यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि से जुड़े लोगों के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित हुआ. मशरूम की खेती न केवल एक लाभदायक व्यवसाय है, बल्कि यह सतत कृषि और रोजगार सृजन का सशक्त माध्यम भी बन सकती है. ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं और महिला उद्यमियों के लिए नई राहें खोलने का कार्य कर रहे हैं.