भारत में हर साल बाढ़ के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं. ऐसे समय में फसल बीमा योजना किसानों के लिए बहुत सहायक होती है. लेकिन कई बार किसान यह नहीं समझ पाते कि बाढ़ के बाद बीमा का दावा कैसे करें. इस लेख में हम सरल भाषा में बताएंगे कि बाढ़ के बाद फसल बीमा का दावा कैसे किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार की एक योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुई फसल क्षति का मुआवज़ा देना है. इसमें बाढ़, सूखा, तूफान, ओलावृष्टि आदि से फसल को नुकसान होने पर किसान को आर्थिक सहायता दी जाती है.
बाढ़ के बाद यदि आपकी फसल को नुकसान हुआ है, तो सबसे पहले इसकी सूचना 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनी, बैंक या कृषि अधिकारी को दें. आप यह सूचना:
बीमा कंपनी की हेल्पलाइन पर कॉल करके या फिर बैंक शाखा में जाकर या मोबाइल ऐप (PMFBY या संबंधित बीमा कंपनी का ऐप), लोकवाणी केंद्र/कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से दे सकते हैं.
बीमा दावा करते समय नीचे दिए गए दस्तावेज जरूरी होते हैं:
बीमा कंपनी या कृषि विभाग का एक सर्वेक्षण दल मौके पर आकर फसल की क्षति का आकलन करता है. इस प्रक्रिया को "फील्ड वेरिफिकेशन" कहते हैं. इसके आधार पर तय होता है कि बीमा राशि कितनी मिलेगी.
अगर सर्वे के बाद यह तय होता है कि नुकसान हुआ है, तो बीमा कंपनी कुछ ही हफ्तों में बीमा राशि को सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर देती है.
अगर किसी किसान को दावा करने में कोई परेशानी हो रही है, तो वह निम्न जगहों से मदद ले सकता है:
बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा में फसल को नुकसान होने पर फसल बीमा योजना किसानों के लिए राहत की तरह होती है. जरूरी है कि किसान समय रहते दावा करें और सभी दस्तावेज सही तरीके से जमा करें. सही जानकारी और समय पर कदम उठाकर किसान अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.