वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. यानी वर्ष 2023 को विश्वभर में मोटे अनाज के ताैर पर मनाने का फैसला लिया है. जैसे ही हम मोटे अनाज का नाम लेते हैं तो हमारे जेहन में बाजरे का जिक्र आता है. लेकिन, सिर्फ बाजरा ही मोटे अनाज में शामिल नहीं है. वैसे तो दुनियाभर में 13 प्रकार के अनाज मोटे अनाज के तौर पर जाने जाते हैं. लेकिन, इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स में 8 प्रकार के मोटे अनाजों को नोटिफाई किया गया है. आइये जानते हैं कि कितने प्रकार के मोटे अनाज हाेते हैं और उनकी विशेषताएं क्या हैं.
इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के लिए कुल 8 मोटे अनाजों को नोटिफाइड किया गया है. जिसमें बाजरा, रागी, कुटकी, संवा, ज्वार, कंगनी, चेना और कोदो शामिल है. ये सभी मोटे अनाज प्रोटीन समेत कई पोषक तत्वों के अच्छा स्रोत माने जाते हैं. आइये जानते हैं कि इन 8 मोटे अनाजों की विशेषताएं क्या हैं.
बाजरा भारत और अफ्रीका के कुछ हिस्सों का प्रमुख अनाज है. इसे बाजरा, बजरी, या कंबु जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे किसी भी मिट्टी में और कम पानी की जरूरतों में उगाया जा सकता है. बाजरा एक अनाज का दाना होता है. जो मकई के जैसा दिखता है. इससे ब्रेड, दलिया और फ्लैटब्रेड जैसे कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. इसका उपयोग मिट्टी की उर्वरता में सुधार और कटाव को कम करने के लिए कवर फसल के रूप में भी उगाया जाता है और इसका उपयोग जैव ईंधन और पशुओं के चारे के लिए भी किया जाता है. बाजरा में प्रोटीन, फाइबर, अमीनों एसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें विकासशील देशों में खाद्य सुरक्षा और कुपोषण को दूर करने की भी क्षमता है.
फिंगर मिलेट जिसे रागी और नचनी के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खेती एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों में की जाती है. यह एक कठोर फसल होता है जिसे किसी भी कम गुणवत्ता वाले मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. रागी एक छोटा लाल-भूरे रंग का दाना होता है. जिसमें अखरोट जैसा स्वाद होता है. इसमें प्रोटीन विटामिन, आयरन, कैल्शियम और विटामिन-बी पाया जाता है. यह मधुमेह और रक्तचाप जैसी बीमारियों में लाभदायक साबित होता है.
कंगनी एक प्रकार का मोटा अनाज है जिसकी खेती एशिया में आमतौर पर भारत और चीन में किया जाता है. इसमें एक नाजुक अखरोट के स्वाद के साथ एक छोटा पीला दाना होता है. जिसे अक्सर पुलाव और दलिया जैसे व्यंजनों में प्रयोग किया जाता है. इसे कम वर्षा वाले क्षेत्र में उगाया जा सकता है. फॉक्सटेल बाजरा में प्रोटीन, फाइबर, आयरन,.पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
प्रोसो मिलेट्स जिसे ब्रूम कॉर्न या चेना के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खेती दुनिया के बहुत सारे हिस्सों में की जाती है. यह कई देशों का मुख्य भोजन भी है. विशेष रूप से भारत , चीन और पूर्वी यूरोप. इसका उपयोग सूप, दलिया और नूडल बनाने में किया जाता है. इसमें प्रोटीन, फाइबर और विभिन्न विटामिन और खनिजों का अच्छा स्त्रोत है. जिसमें विटामिन-बी, आयरन और जिंक शामिल है. यह वसा और कोलेस्ट्रॉल मुक्त होता है.
बार्नयार्ड मिलेट जिसे ऊडालू, झंगोरा या संवा के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत का मूल फसल है और इसके पौष्टिक बीजों के लिए हजारों वर्षों से इसकी खेती की जाती रही है. यह फसल कीटों और रोगों के लिए प्रतिरोधी होती है. जिससे यह किसानों के लिए एक विश्वसनीय फसलों में से एक है. इसका उपयोग रोटी और डोसा बनाने में किया जाता है. इस अनाज में फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और विटामिन-बी जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें सूजनरोधी गुण होते हैं. और यह हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों में रामबाण साबित होता है.
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ज्वार एक पोषक तत्व वाला मोटा अनाज है. जिसमें मिनरल, प्रोटीन और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें कैल्शियम और आयरन भी पाया जाता है. ज्वार के कोमल दानों को लोग भुन कर भी खाते हैं. ज्वार के आटे को काजल की तरह लगाने से आंखों का रोग भी ठीक होता है. वहीं इसके भुने हुए फलों को गुड़ में मिला कर खाने से खांसी के लिए भी आरामदायक होता है. इसके ताजा फलों का स्वाद गन्ने जैसा मिट्ठा होता है.
लिटिल मिलेट्स यानी कुटकी एक पॉजिटिव मिलेट है. मोटे अनाज की यह प्रजाति कई मामलों में चेना से मिलती-जुलती है. इसे उगाने में बहुत कम दिनों का समय लगता है. यह 65 से 75 दिनों में पक कर तैयार हो जाता है. इसमें सबसे ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन पाया जाता है. इसके सेवन से डायबिटीज पेशेंट को काफी राहत मिलता है. वहीं यह कैंसर मरीजों के लिए रामबाण माना जाता है.
कोदो मिलेट जिसे हिन्दी मे कोदो या केद्रव भी कहते हैं. कोदो मिलेट आकार में छोटा होता है और औषधीय गुणों से भरपुर होता है. इसका पौधा धान के पौधे की तरह दिखता है. इसके दाने लाल या चॉकलेट के रंग की तरह होते हैं. इसमें सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. इसके सेवन से डायबिटीज, कैंसर और पेट संबंधी समस्याएं खत्म होती हैं.
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