पॉली हाउस से किसान कैसे करें ज्यादा पैदावार?

पॉली हाउस से किसान कैसे करें ज्यादा पैदावार?

राजस्थान में पॉली हाउस में खेती करने का चलन बढ़ रहा है. खासकर युवा और पढ़े-लिखे किसान इसमें काफी रुचि ले रहे हैं. सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में सेवा गांव में युवा किसान मनीष और ऋषिकेश मीना ने अपने खेतों में पॉली हाउस सेट लगवाया है. राजस्थान सरकार भी पॉली हाउस सेट के लिए सब्सिडी देती है

खेत में काम करते मनीष मीणाखेत में काम करते मनीष मीणा
क‍िसान तक
  • Jaipur,
  • Dec 14, 2022,
  • Updated Dec 14, 2022, 3:25 PM IST

राजस्थान में पॉली हाउस में खेती करने का चलन बढ़ रहा है. खासकर युवा और पढ़े-लिखे किसान इसमें काफी रुचि ले रहे हैं. सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में सेवा गांव में युवा किसान मनीष और ऋषिकेश मीना ने अपने खेतों में पॉली हाउस सेट लगवाया है. राजस्थान सरकार भी पॉली हाउस सेट के लिए सब्सिडी देती है. 
किसान तक ने मनीष मीना से बात की. वे कहते हैं, “फिलहाल हमने लाभ कमाने के मकसद से यह सेट नहीं लगवाया है. हमारा उद्देश्य है कि गंगापुर क्षेत्र के किसान इस तरह की खेती सीखें. ताकि कम लागत में किसान अधिक से अधिक उपज ले सकें.”

राजस्थान सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता

उद्यानिकी फसलों में खरपतवार नियन्त्रण, जल का अच्छे से उपयोग एवं फसल उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पॉली हाउस मददगार होता है. 

सब्सिडी

निर्धारित इकाई लागत या इसके लिए विभाग की ओर से  तय की गई फर्म की रेट में से जो भी कम हो. इसका अधिकतम 2 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी देय है. लघु/सीमान्त किसानों के लिए निर्धारित इकाई लागत या इसके लिए विभाग द्वारा अनुमोदित फर्मस की प्रस्तुत दरों मे से जो भी कम हो का अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी अनुदान दी जाती है. 

पात्रता

आवेदक किसान के पास कृषि योग्य भू-स्वामित्व एवं सिंचाई स्त्रोत होना आवश्यक है. कोई भी किसान ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकता है. आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड/जनाधार कार्ड, जमाबन्दी की नकल (छः माह से अधिक पुरानी नहीं हो)और अनुमोदित फर्म का कोटेशन होना जरूरी है. 
इसके अलावा पॉली हाउस के निर्माण उद्यान विभाग की ओर से प्रशासनिक स्वीकृति के बाद ही किया जा सकता है. निर्माण के बाद विभाग की ओर से गठित कमेटी फील्ड वैरिफिकेशन करेगी. इसके बाद अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा. 
 

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