मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि इस बार अल-नीनो की स्थिति बनने के बावजूद मॉनसून सामान्य रहेगा. यह कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी राहत की खबर है क्योंकि मॉनसून की बारिश पर ही देश की अधिकांश खेती आधारित है. यहां तक कि देश की महंगाई और अर्थव्यवस्था भी इसी मॉनसून पर निर्भर करती है. ऐसे में आईएमडी के सामान्य मॉनसून की भविष्यवाणी किसानों के लिए वरदान से कम नहीं. हालांकि आईएमडी से ठीक एक दिन पहले प्राइवेट वेदर एजंसी स्काईमेट ने कहा था कि इस बार का मॉनसून सामान्य से कम रहेगा. इसे देखते हुए आईएमडी के पिछले कुछ साल के पूर्वानुमान को देखना जरूरी हो जाता है कि उसकी भविष्यवाणी कहां तक और कितनी सही रही है.
आपकी जानकारी के लिए हम यहां पिछले 10 साल का आंकड़ा दे रहे हैं जिसे आईएमडी ने मॉनसून के पूर्वानुमान में बताए हैं. इंडिया टुडे ग्रुप के 'DIU' ने ये आंकड़े इकट्ठा किए हैं जो कि indiaenvironmentportal.com, IMD से लिए गए हैं. डीआईयू ने 2013 से लेकर 2023 तक का आंकड़ा पेश किया है. हम यहां हर साल के पूर्वानुमान और 'एक्चुअल रेनफॉल' यानी कि कितनी बारिश हुई, उसके बारे में जानेंगे.
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डीआईयू का आंकड़ा बताता है कि पिछले दस साल में आईएमडी ने मॉनसून के पूर्वानुमान में जितनी बार बारिश की भविष्यवाणी की, उनमें पांच बार अनुमान से अधिक बारिश दर्ज की गई. उदाहरण के लिए, साल 2013 में आईएमडी ने 98 फीसद लॉन्ग पीरियड एवरेज बारिश का अनुमान जताया जबकि उस साल 108 परसेंट तक बारिश दर्ज की गई. यानी अनुमान से 10 फीसद अधिक.
2014 में आईएमडी के अनुमान में 96 परसेंट बारिश की भविष्यवाणी की गई थी जबकि बारिश 86 परसेंट हुई. 2015 में 93 परसेंट बारिश का अनुमान था जबकि बारिश 86 परसेंट ही हुई. इसके बाद 2016 में स्थिति और खराब निकली. 2016 में आईएमडी ने 106 परसेंट बारिश का अनुमान जताया जबकि एक्चुअल बारिश 97 परसेंट ही दर्ज की गई.
आंकड़े के मुताबिक, 2017 में आईएमडी का अनुमान 96 परसेंट बारिश का था जबकि 95 परसेंट बारिश ही दर्ज की गई. 2018 में 97 परसेंट अनुमान के बदले 91 परसेंट बारिश दर्ज की गई. 2019 में बारिश का पैटर्न बदला और आईएमडी के 96 परसेंट अनुमान के बदले उस साल 110 परसेंट बारिश दर्ज की गई. 2020 का आंकड़ा बताता है कि आईएमडी ने 100 परसेंट बारिश की भविष्यवाणी की जबकि 109 परसेंट हुई.
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2021 में आईएमडी का अनुमान 98 परसेंट बारिश का था जबकि एक्चुअल बारिश 99 परसेंट रही. 2022 की बात करें तो आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में 99 परसेंट बारिश का अनुमान जताया जबकि 106 परसेंट बारिश दर्ज की गई. इस बार आईएमडी ने 96 परसेंट बारिश की बात कही है, जिस पर लोगों की निगाहें लगी हैं. इस तरह पिछले 10 साल में पांच बार ऐसा हुआ कि आईएमडी के अनुमान से अधिक बारिश दर्ज की गई है.
आईएमडी के मुताबिक, कर्नाटक, केरला, गोवा, आंध्र प्रदेश, दक्षिण तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी, पूर्व मध्य भारत के राज्य जैसे छत्तीसगढ़, ओडिशा और पूर्वी भारत में झारखंड, बिहार में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, आसाम में भी सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है. हालांकि कुछ राज्यों में बारिश कम होने की भी आशंका है. आईएमडी ने कहा कि उत्तर भारत के कई इलाकों जैसे जम्मू कश्मीर, पंजाब और यूपी के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना बनी हुई है. देश के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. इसमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के नाम शामिल हैं.