5 हजार किसान उत्पादक संगठन सरकारी ई-कॉमर्स ONDC से जुड़े, ऑनलाइन फसल बिक्री और भुगतान का तेज लाभ मिलेगा 

5 हजार किसान उत्पादक संगठन सरकारी ई-कॉमर्स ONDC से जुड़े, ऑनलाइन फसल बिक्री और भुगतान का तेज लाभ मिलेगा 

सरकार का कहना है कि 5,000 किसान उत्पादक संगठनों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ओएनडीसी से जोड़ दिया गया है. इससे किसानों को अपनी उपज की बिक्री देशभर में ऑनलाइन करने के साथ ही तेज भुगतान का लाभ मिलेगा. कहा गया है कि बाकी 3 हजार एफपीओ को जल्द ही ONDC से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

ओएनडीसी से 5000 एफपीओ जोड़े गए.ओएनडीसी से 5000 एफपीओ जोड़े गए.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 04, 2024,
  • Updated Mar 04, 2024, 5:03 PM IST

किसानों की फसल को सही दाम पर बिक्री के लिए केंद्र सरकार के ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी (ONDC) से 5 हजार किसान उत्पादक (FPO) संगठन को जोड़ा गया है. जबकि, बाकी 3000 एफपीओ को जल्द ही ओएनडीसी से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. ई-कॉमर्स से जुड़ने से उपज की ऑनलाइन बिक्री और भुगतान का तेज लाभ मिलेगा. बता दें कि देशभर में रजिस्टर्ड कुल 8000 किसान उत्पादक संगठन हैं, जो किसानों की फसलों की बिक्री के साथ वित्तीय मदद कर रहे हैं. 

ओएनडीसी से 5000 एफपीओ जोड़े गए 

कृषि मंत्रालय के अनुसार किसानों की फसलों को सही दाम देने और तुरंत भुगतान के लिए सरकार ने साल 2020 में 6,865 करोड़ रुपये के साथ ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पोर्टल को शुरू किया था. सरकार ने 10,000 एफपीओ को रजिस्टर करने का लक्ष्य रखा था, जिसके मुकाबले लगभग 8,000 एफपीओ को रजिस्टर किया गया है. इनमें से लगभग 5,000 एफपीओ को देशभर के उपभोक्ताओं को ऑनलाइन उपज बेचने के लिए ओएनडीसी पोर्टल से जोड़ दिया गया है. 

3000 एफपीओ को जल्द जोड़ने की तैयारी 

कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लगभग 5,000 को ओएनडीसी पोर्टल पर रजिस्टर किया गया है. इसमें कहा गया है कि देश के किसी भी हिस्से में अपने खरीदारों तक पहुंचने के लिए ओएनडीसी पर एफपीओ को शामिल करना उत्पादकों को बेहतर बाजार पहुंच प्रदान करने के केंद्र सरकार के उद्देश्य का हिस्सा है. इस कदम से एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन तक सीधी पहुंच के साथ सशक्त बनाना है. जबकि, बाकी 3000 एफपीओ को जल्द ही ओएनडीसी से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

एफपीओ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार कर रहे 

कृषि मंत्रालय के अनुसार एफपीओ का गठन कृषि को आत्मानिर्भर बनने में मदद करने के लिए बड़ा कदम है. यह पहल एफपीओ के सदस्यों के लिए लागत प्रभावी उत्पादन और उत्पादकता और ज्यादा शुद्ध कमाई को बढ़ाती है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार होता है और ग्रामीण युवाओं के लिए गांवों में ही रोजगार के अवसर पैदा होते हैं. कहा गया है कि किसानों की आय में उल्लेखनीय सुधार लाने की दिशा में यह बड़ा कदम है.

सरकार एफपीओ को 18 लाख रुपये देती है 

किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) किसानों को बेहतर क्वालिटी वाली वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर तकनीक, लोन, बेहतर इनपुट और अधिक बाजारों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करते हैं. सरकार हर एफपीओ को 3 साल के लिए 18 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दे रही है. अब तक 10.2 लाख से अधिक किसानों को कवर करते हुए 246 करोड़ रुपये की गारंटी कवरेज के लायक 1,101 एफपीओ को क्रेडिट गारंटी जारी की गई है. मंत्रालय ने कहा कि 145.1 करोड़ रुपये की मैचिंग इक्विटी अनुदान सीधे पात्र 3,187 एफपीओ के बैंक खाते में भेजी गई है.

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