UP News: कृषि क्षेत्र में करियर बनाने के अच्छे विकल्प मौजूद होने के चलते युवाओं का रुझान इस ओर बढ़ा है. कृषि उत्पादों के निर्यात में बढ़ोत्तरी और इस क्षेत्र में निवेश बढ़ने से कई निजी क्षेत्र की कंपनियां आ रही हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पर कृषि विभाग के प्रमुख सचिव के साथ बैठक करके प्रमुख दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान में अपार अवसर हैं. कॅरियर की दृष्टि से भी यह सेक्टर बड़ी संभावनाएं समेटे हुए है. हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में युवाओं का आकर्षण इस ओर देखने को मिला है. पाठ्यक्रम बढ़े हैं, छात्र बढ़े हैं.
सीएम योगी ने कहा कि आज सभी 4 कृषि विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हो रहे हैं. कृषि से संबंधित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं. प्रदेश के कृषि शिक्षण संस्थानों के विनियमन के लिए एक व्यवस्थित संस्था की आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) जैसी संस्था इस संबंध में उपयोगी हो सकती है. इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) प्लेटफार्म पर सभी छात्रों का पंजीकरण अनिवार्य होना चाहिए. सभी छात्र क्रेडिट हस्तांतरण इसी प्लेटफार्म के माध्यम से प्रबंधित किये जाएं. इसके के बारे में छात्र-छात्राओं को जागरूक करें. मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्ज़िट प्रणाली को लागू किया जाए.
इससे पहले सीएम योगी ने कहा कि देश में कई इलाके ऐसे भी थे जहां प्राकृतिक ढंग से भी कृषि उत्पादन अधिक था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में जल्द ही एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित किया जाएगा. बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार कृषि सेक्टर पर फोकस को देखते हुए तेजी से तकनीक का इस्तेमाल भी कृषि उपज को बढ़ाने और फसलों के नुकसान को घटाने के लिए किया जा रहा है. इसीलिए एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए निजी और सरकारी संस्थान सीटों को बढ़ा रहे हैं. कुछ यूनिवर्सिटी ने जुलाई सत्र के लिए एग्रीकल्चर में एडमिशन की तारीखों को भी आगे बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया है.