Millet: हड्डियों को बनाना चाहते हैं मजबूत, गेहूं के साथ ही ये मोटे अनाज आहार में करें शाम‍िल

Millet: हड्डियों को बनाना चाहते हैं मजबूत, गेहूं के साथ ही ये मोटे अनाज आहार में करें शाम‍िल

शरीर को सेहतमंद रखने के लिए संतुलित और नियमित आहार का लेना काफी आवश्यक है. वहीं हड्ड‍ियों को मजबूत रखने के ल‍िए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है. आइये जानते हैं क‍ि क‍िस मोटे अनाज में कैल्स‍ियम की मात्रा अध‍िक होती है.

हड्डियों को मजबूत बनाते हैं ये मोटे अनाज, फोटो साभार: freepikहड्डियों को मजबूत बनाते हैं ये मोटे अनाज, फोटो साभार: freepik
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jan 16, 2023,
  • Updated Jan 16, 2023, 6:35 PM IST

शरीर को सेहतमंद रखने के लिए संतुलित और नियमित आहार का लेना काफी आवश्यक है. अगर आप इसमें कोताही बरतते हैं तो शरीर में कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं. इसमें एक रोग है ऑस्टियोपोरोसिस यह हड्डियों से संबंधित रोग है. इस रोग से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. तो वहीं हड्डी कमजोर होने से शरीर में अकड़न और जकड़न महसूस होता है. इससे बचाव के ल‍िए हड्ड‍ियों को मजबूत रखना जरूरी है. ज‍िसके ल‍िए जरूरी है क‍ि कैल्श‍ियम का सेवन क‍िया जाए. असल में कैल्शियम की भरपूर मात्रा से हड्डियों के साथ-साथ मांसपेशियों और दांतों को मजबूती मिलती है. ऐसी कमजोरियों को दूर करने के लिए कैल्शियम का होना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं क‍ि शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने के लिए क‍िन मोटे अनाज को शामिल करना चाह‍िए.

सभी अनाजों में से गेहूं में सबसे कैल्शियम 

सभी अनाजों में से सबसे अध‍ि‍क कैल्श‍ियम की बात करें तो सबसे अध‍िक कैल्श‍ियम गेहूं में पाया जाता है. आईसीएआर की तरफ से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गेहूं (Wheat) में सबसे अधिक कैल्शियम होता है, जिसमें 100 ग्राम गेहूं में 39.4 ग्राम तक कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है. इसके बाद 100 ग्राम रागी में 36.4 ग्राम कैल्शियम होता है. आइए जानते हैं क‍ि क‍िस मोटे अनाजों में  क‍ितना कैल्श‍ियम होता है.   

जानें क‍िस अनाज में क‍ितनी है कैल्शियम की मात्रा
अनाज  कैल्शियम की मात्रा (प्रत‍ि 100 ग्राम अनाज में क‍ितने ग्राम )
गेहूं39.4
रागी36.4
कंगनी31
ज्वार27.6
बाजरा27.4

संवा

20
कुटकी16.1
कोदो15.3
चेना 14
चावल7.5

                                                                                                  स्त्रोत ICAR 

ये भी पढ़ें;- Peas farming: मटर उगाने में पूरे देश में नंबर वन है यूपी, यहां देखें टॉप 5 राज्यों की लिस्ट

मोटे अनाज के फायदे

मोटे अनाज को सुपर फूड कहा जा रहा है. असल में मोटा अनाज शारीरिक मेहनत करने वाले कामगारों और बूढ़े लोगों के लिए काफी जरूरी है. मोटे अनाज को पैदा करने में कम मेहनत और कम पानी की आवश्यकता पड़ती है. इसलिए सरकार मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. इसके सेवन से बहुत सारे रोगों से छुटकारा मिलता है.

इंटरनेशन ईयर ऑफ म‍िलेट्स

दुन‍ियाभर में 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. इसका शुभारंभ  6 नवंबर 2022 को रोम और इटली से किया जा चुका है. यह आयोजन विश्व में मोटे अनाज की वैश्विक मांग बनाने के लिए किया जा रहा है. भारत सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय बाजार को इसके लिए चिन्हित करने का फैसला लिया था. उसके बाद भारत नें 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को 2023 को अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. भारत को 72 देशों का समर्थन मिला और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने  2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिल्लेट्स के रूप में घोषित कर दिया है.

ये भी पढ़ें;- Millet: बॉडी टिश्यू को हेल्दी रखता है फॉक्सटेल मिलेट, जानें और क्या है इसकी खासियत
 

MORE NEWS

Read more!