बजट से पहले इथेनॉल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, चीनी मिलों और गन्ना किसानों को मिलेगा फायदा

बजट से पहले इथेनॉल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, चीनी मिलों और गन्ना किसानों को मिलेगा फायदा

इथेनॉल की संशोधित कीमतों को मंजूरी मिलने से चीनी कंपनियों और डिस्टलरीज का वित्तीय बोझ घटेगा और लिक्विडिटी बढ़ेगी. इससे गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने में मदद मिलेगी. वहीं, इथेनॉल ब्लेंडिंग टारगेट 20 फीसदी को पूरा करने के प्रयासों को गति मिलेगी.

सरकार के फैसले से ब्लेंडिंग टारगेट पूरा करने में तेजी आएगी.सरकार के फैसले से ब्लेंडिंग टारगेट पूरा करने में तेजी आएगी.
रिजवान नूर खान
  • Noida,
  • Jan 29, 2025,
  • Updated Jan 29, 2025, 4:51 PM IST

केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सी हैवी गुड़ से बने इथेनॉल के दाम में बढ़ोत्तरी का ऐलान कर दिया है. डिस्टलरीज और चीनी मिलें लंबे समय से इथेनॉल की कीमतों को बढ़ाने की मांग कर रही थीं. सरकार के इस फैसले से 20 फीसदी ब्लेंडिंग टारगेट को पूरा करने में तेजी आएगी. जबकि, किसानों का अटका गन्ना भुगतान मिलना आसान हो जाएगा.  विश्वराज शुगर इंडस्ट्रीज के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि सरकार का यह फैसला चीनी उद्योग को बढ़ावा देता है, जिससे इथेनॉल उत्पादन बढ़ेगा और चीनी मिलों के लिए बेहतर कैश फ्लो बना रहेगा. जबकि, किसानों के लिए यह निर्णय एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इथेनॉल की मांग में वृद्धि से गन्ने की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है.  

सी-हैवी गुड़ से बने इथेनॉल का दाम बढ़ा 

केंद्रीय कैबिनेट ने इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2024-25 के लिए इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के तहत सी-हैवी गुड़ से मिलने वाले इथेनॉल की एक्स-मिल कीमत 57.97 रुपये प्रति लीटर को मंजूरी दे दी है. पहले सी हैवी गुड़ से बने इथेनॉल के लिए कीमत 56.28 रुपये प्रति लीटर थी. इस तरह ताजा फैसले के से सी-हैवी गुड़ के लिए कीमत में 1.69 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई है.  

बी-हैवी गुड़ और चीनी इथेनॉल कीमतों में बदलाव नही

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए गन्ना आधारित इथेनॉल के संशोधित खरीद मूल्यों को मंजूरी दी. नई कीमतें सी-हैवी गुड़ के लिए 57.97 रुपये प्रति लीटर तय की गई हैं. जबकि, बी-हैवी गुड़ के लिए 60.73 रुपये प्रति लीटर और गन्ने के रस, चीनी या चीनी सिरप के लिए 65.61 रुपये प्रति लीटर निर्धारित की गई हैं. केंद्र ने केवल सी हैवी गुड़ के लिए कीमत में 1.69 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की है. बाकी बी-हैवी गुड़ और चीनी के लिए दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 

क्या है सी हैवी गुड़ और बी-हैवी गुड़

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गन्ने के खेत में से तीन चीजें निकलती हैं- सी हैवी मोलेसेस, बी हैवी मोलेसेस और गन्ने का रस. इन तीनों की खरीद कीमतों को आज कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई. उन्होंने कहा कि सी-हैवी गुड़ (C Heavy Molasis) ऐसा होता है जिसमें से चीनी पूरी तरह से निकल चुकी होती है. बी-हैवी गुड़ (B Heavy Molasis) में चीनी का थोड़ा कंटेंट होता है. इसके अलावा सी-हैवी गुड़ (C Heavy Molasis) में चीनी पूरी तरह से निकल चुकी होती है. उसका इस्तेमाल जितना इथेनॉल बनाने में किया जाता है. उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल इथेनॉल बनाने में होगा उतना ही ये देश के लिए, किसानों के लिए, पर्यावरण के लिए फायदेमंद है. इसलिए इसे प्रमुखता से बढ़ावा दिया जाता है.

गन्ना किसानों का बकाया भुगतान में तेजी आएगी

शीर्ष निकाय इस्मा ने अनुमान जताया था कि सरकार इथेनॉल कीमतों में बढ़ोत्तरी करेगी. इस्मा के अनुसार सी-हैवी गुड़ से बने इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से चीनी मिलों और डिस्टलरीज के नए प्रोजेक्ट के लिए निवेश पर रिटर्न को कवर करने और पिछले साल चीनी के रस या सिरप पर प्रतिबंध के चलते हुए घाटे की भरपाई करने में मदद मिलेगी. इससे चीनी मिलों को इथेनॉल प्रोडक्शन टारगेट पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा. जबकि, मिलों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी, जिसके नतीजे में किसानों का मिलों पर गन्ना बकाया भुगतान होने में तेजी आएगी.  

इथेनॉल मांग बढ़ने से गन्ने की कीमतें बढ़ने की उम्मीद

विश्वराज शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक मुकेश कुमार ने कहा कि सरकार का इथेनॉल कीमतों में संशोधन का फैसला चीनी उद्योग को बढ़ावा देता है, जिससे इथेनॉल उत्पादन बढ़ेगा और चीनी मिलों के लिए बेहतर कैश फ्लो बना रहता है. इससे मिलें बढ़े हुए रेवेन्यू के साथ अत्याधुनिक तकनीक में निवेश कर सकती हैं और अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत कर सकती हैं.

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए यह निर्णय एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इथेनॉल की मांग में वृद्धि से गन्ने की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है. इससे बेहतर आय और वित्तीय सुरक्षा पक्की होगी. हालांकि, बढ़ती इनपुट लागत और मांग को पूरा करने के लिए विस्तारित उत्पादन क्षमता की जरूरत चुनौती बनी हुई है. इस फसैल से किसानों की आय बढ़ाने और मिल की प्रॉफिट में सुधार करने में मदद करेगी. जबकि, यह देश के इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को भी गति देगी. 
 

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