प्रकृति की खूबसूरती की बात करें तो फूलों का जिक्र सबसे पहले होता है. हर फूल की अपनी पहचान और खासियत होती है, लेकिन कुछ फूल ऐसे भी होते हैं जो देखने में तो खूबसूरत होते ही हैं, साथ ही सेहत के लिए भी अनमोल होते हैं. ऐसा ही एक फूल है- अपराजिता. नीले और सफेद रंग में खिलने वाला यह नाजुक फूल देखने में जितना आकर्षक है, उतना ही गुणों से भी भरपूर है. अपराजिता का नाम सुनते ही मन में खूबसूरती और शक्ति का अहसास होता है और यह फूल वाकई उसी का प्रतीक है.
आयुर्वेद में इसे औषधीय पौधों में रखा गया है. इसके फूलों से बनी नीली चाय आजकल स्वास्थ्य प्रेमियों की पसंद बन गई है. इसके अलावा अपराजिता में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और मानसिक शक्ति बढ़ाने वाले गुण भी होते हैं. अगर आप ऐसा पौधा चाहते हैं जो आपके बगीचे की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ आपकी सेहत का भी ख्याल रखे तो अपराजिता आपके लिए बिल्कुल सही विकल्प है.
अपराजिता के फूलों का रंग और बनावट इतने सुंदर होते हैं कि यह फूल सुंदरता का प्रतीक माना जाता है. नीले रंग की चमकदार पंखुड़ियाँ देखने वालों का मन मोह लेती हैं. इसे बगीचों और घरों की सजावट में भी खूब इस्तेमाल किया जाता है.
अपराजिता के फूलों में एंथोसाइनिन नामक एक प्राकृतिक तत्व पाया जाता है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. यही कारण है कि इसका उपयोग आंखों के ड्रॉप्स बनाने में किया जाता है. यह आंखों की रोशनी बढ़ाने और नेत्र संक्रमण को दूर करने में सहायक माना जाता है.
अपराजिता के फूलों से तैयार की जाने वाली ब्ल्यू टी आजकल काफी लोकप्रिय हो रही है. यह चाय न केवल देखने में सुंदर होती है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती है. यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है और दिल को स्वस्थ रखती है.
आयुर्वेद और घरेलू चिकित्सा पद्धतियों में अपराजिता का उपयोग वर्षों से होता आ रहा है. इसका उपयोग त्वचा रोग, बालों की समस्याएं, मानसिक तनाव और नींद की कमी जैसी समस्याओं में भी किया जाता है.
अपराजिता न केवल देखने में खूबसूरत है, बल्कि अपने औषधीय गुणों से शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने में सहायक है. इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर हम प्राकृतिक सौन्दर्य और स्वास्थ्य दोनों का लाभ उठा सकते हैं.
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