मधुमक्खियों को फूल ढूंढने में हो रही परेशानी, रिसर्च में सामने आई ये चौंकाने वाली बात

मधुमक्खियों को फूल ढूंढने में हो रही परेशानी, रिसर्च में सामने आई ये चौंकाने वाली बात

यूके सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी (योकेसीईएच) और बर्मिंघम, रीडिंग, दक्षिणी क्वीन्सलैंड विश्विद्यालयों के शोद्यार्थियों ने अपने अध्ययन में पाया की प्रदूषक तत्वों के कार्बनिक यौगिक हवा में मिलकर फूलों की महक को 90 फीसदी तक बदल देते हैं. इस कारण कुछ मीटर दूरी से फूलों की महक पहचानने में असमर्थ होकर मधुमक्खियां अपने रास्ते से भटक जाती हैं.

मधुमक्खियों की घट रही है संख्या
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 25, 2024,
  • Updated Apr 25, 2024, 11:37 AM IST

एक अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण मधुमक्खियों को फूल ढूंढने से रोकता है, क्योंकि इससे गंध ख़राब हो जाती है. वायु प्रदूषण के कारण फूलों की महक कमजोर होने से, मधुमक्खियों को फूल ढूंढने में परेशानी हो रही है. इससे इनकी आबादी भी निरंतर कम होती जा रही है. यूके सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी (योकेसीईएच) और बर्मिंघम, रीडिंग, दक्षिणी क्वीन्सलैंड विश्विद्यालयों के शोद्यार्थियों ने अपने अध्ययन में पाया की प्रदूषक तत्वों के कार्बनिक यौगिक हवा में मिलकर फूलों की महक को 90 फीसदी तक बदल देते हैं. इस कारण कुछ मीटर दूरी से फूलों की महक पहचानने में असमर्थ होकर मधुमक्खियां अपने रास्ते से भटक जाती हैं.

वायु प्रदूषण मधुमक्खियों के स्वास्थ्य के विपरीत पाया गया है. इससे इनकी आबादी निरंतर कम होती जा रही है.  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने अपनी पत्रिका में इस शोध का जिक्र किया है. इसमें बताया गया है कि शोधार्थियों का यह अध्ययन पर्यावरण प्रदूषण शोध पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. शोध के अनुसार मधुमक्खियों की इस स्थिति के अध्ययन के लिए 30 मीटर सुरंग में वायु प्रदूषित तत्वों के साथ फूलों की महक को प्रवाहित किया गया.

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जीवन को खतरे में डाल रहा है वायु प्रदूषण

इसके संपर्क में जब मधुमक्खियों को लाया गया तो, 52 फीसदी मधुमक्खियां 6 मीटर तक और 38 फीसदी 12 मीटर की दूरी तक फूलों की गंध पहचान पाईं. कुछ देर बाद जब पुनः इस परीक्षण को दोहराया गया तो कार्बनिक यौगिकों ने फूलों की महक को बिल्कुल ही कम कर दिया था. इसके कारण 32 फीसदी मधुमक्खियां 6 मीटर तक और 10 फीसदी 12 मीटर तक महक को पहचान पाईं. इस अध्ययन से स्पष्ट संकेत मिला है कि वायु प्रदूषण किस तरह इनके जीवन को खतरे में डाल रहा है.

फूलों और फसल पर भी असर

वायु में मौजूद प्रदूषित तत्व पर्यावरण शैली को बदल रहे हैं. इससे फूलों को परागण के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. मधुमक्खी और अन्य छोटे कीट फसल के फूलों को परागण की मदद से फल बनाने में सहायता करते हैं. इन पर फसल की पैदावार निर्भर करती है. इसलिए वायु प्रदूषण फसल पर भी असर डाल रहा है.

खेती में अहम भूमिका 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की एक पत्रिका में कहा गया है कि शहद बनाने वाली मधुमक्खियां और दूसरे कीट-पतंगे परागकण फैलाने व फूलों के निषेचन में भी अहम भूमिका निभाते हैं. खेतीबाड़ी के आधुनिक तरीकों के बीच इन जीवों की संख्या घट रही है, जिससे विश्व भर में कृषि का नुकसान हो रहा है. मधुमक्खियां, तितलियां, भंवरे व अन्य कीट-पतंगों की संख्या घटने का मतलब है कि फूलों का ठीक से पराग-निषेचन नहीं होगा. दूसरे शब्दों में निषेचन नहीं होगा तो फसल भी अच्छी नहीं होगी.

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