गर्मियों का मौसम आने वाला है. ऐसे में बाजार में शरीर को ठंडक पहुंचाने वाले फलों की डिमांड बढ़ जाती है. वहीं, हमेशा सेहतमंद रहने के लिए कई लोग तरह-तरह के फल खाते हैं. इसलिए मार्केट में भी पूरे साल फलों की डिमांड रहती है. साथ ही कई फलों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं गर्मियों में चाव से खाए जाने वाले किस फल की किस्म अर्का सिरी है.
दरअसल, ये खरबूज की एक खास वैरायटी है. बता दें कि खरबूज अपने मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है. किसान इसे नकदी फसल के तौर पर उगाते हैं. वहीं, गर्मियों के मौसम में खरबूज की मांग बाजारों में काफी बढ़ जाती है. ऐसे में आइए ये भी जानते हैं कि खरबूज की कौन-कौन सी पांच उन्नत किस्में हैं और कैसे करते हैं इसकी खेती.
अर्का सिरी: ये खरबूज की एक खास किस्म है. इस किस्म के फल लंबे गोलाकार आकार के होते हैं. इसका छिलका भूरा-पीला होता है. वहीं, इसका गूदा ठोस, रसदार गहरे और नारंगी रंग का होता है. ये एक बेहतर उपज देने वाली किस्म है. किसान इसकी खेती से 25 टन प्रति हेक्टेयर की उच्च उपज ले सकता है. वहीं, इस किस्म की लाइफ 5-10 दिन होती है. इसके अलावा ये किस्म 75-80 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है.
पूसा रसराज: ये खरबूज की संकर किस्मों में से एक है. इसके फल चिकने और अंडाकार होते हैं. फलों का वजन करीब 800 ग्राम से 1 किलोग्राम तक होता है. इस किस्म के खरबूजे का गूदा मीठा होता है. वहीं, फलों को तैयार होने में 75 से 80 दिनों का समय लगता है. इस किस्म से प्रति एकड़ 90 से 100 क्विंटल तक की पैदावार मिल सकती है.
पंजाब संकर: ये किस्म पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में खेती करने के लिए उपयुक्त है. इसके फल मध्यम आकार के और गोल होते हैं. फलों का वजन करीब 800 ग्राम होता है. इस किस्म के फलों के गूदे नारंगी रंग के होते हैं. वहीं, फल मीठे रसीले और स्वादिष्ट होते हैं. इस किस्म से प्रति एकड़ 64 क्विंटल तक फल प्राप्त की जा सकती है.
एम एच 10: इस किस्म के पौधे मध्यम आकार के होते हैं. प्रत्येक फल का वजन करीब 900 ग्राम होता है. इसका गूदा मोटा और हल्का सफेद रंग का होता है. वहीं, इस किस्म से प्रति एकड़ लगभग 95 क्विंटल तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं.
हिसार मधुर: ये खरबूज की अगेती किस्मों में से एक है. इसके फल गहरे लाल रंग के होते हैं. फलों पर धारियां होती हैं. फलों का गूदा सुगंधित और नारंगी रंग का होता है. इस किस्म की खेती करने पर 75 से 80 दिनों बाद फलों की तुड़ाई की जा सकती है.
खरबूजे की खेती कई प्रकार की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. लेकिन अच्छी फसल के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेस्ट होती है. खरबूजे की बुवाई के लिए खेत की तैयारी के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और 2 से 3 जुताई कल्टीवेटर से करनी चाहिए. वहीं, प्रत्येक जुताई के बाद पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरा कर लें. फिर आखिरी जुताई के समय ही खेत में 200 से 250 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद को अच्छी प्रकार मिला लें और बीज की बुवाई करें.