भारत के केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पांच साल से पहले 2 लाख प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) बनाने का लक्ष्य तय किया. उन्होंने जमीनी स्तर पर 10 हजार नई समितियों के शुभारंभ की घोषणा की. PACS के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि हमने पांच साल में 2 लाख PACS बनाने का लक्ष्य रखा है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम उन्हें पांच साल से पहले 2 साल में बना देंगे. साथ ही तीन महीनों में हम 10,000 से अधिक नए M-PACS बनाने में सक्षम हुए हैं. उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से समृद्धि तब तक प्राप्त नहीं की जा सकती जब तक कि सहकारी समितियां पंचायत स्तर पर प्रभावी ढंग से काम न करें. उन्होंने कहा कि एसओपी के अनावरण के मात्र 86 दिनों के भीतर ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया है.
बता दें कि यह समितियां किसानों और ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी. वर्तमान ने पैक्स के जरिए 24 तरह की सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं. गृह मंत्री ने किसानों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और माइक्रो ATM भी सौंपे.
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19 सितंबर तक 10,000 PACS का रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया. नए मॉडल कानून मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अब तक 11,695 PACS को नए मॉडल कानूनों (केंद्र द्वारा साझा किए गए एक मसौदा उपनियम के आधार पर) के तहत रजिस्टर्ड किया गया है, जो इन सहकारी समितियों को अपने मुख्य शक्ति क्षेत्र से परे कई अन्य क्षेत्रों में नेविगेट करने की अनुमति देता है. उन्होंने कहा कि एक बार 2 लाख PACS का लक्ष्य हासिल हो जाने पर, यह मजबूत फोरवार्ड लिंकेज के माध्यम से किसानों की उपज को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगा. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि नए मॉडल उपनियमों को अपनाने से महिलाओं, दलितों, पिछड़े समुदायों और आदिवासियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी, सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि यह पहल दो चरणों में शुरू की जाएगी, जिसमें नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) 32,750 नए मल्टीपरपज पैक्स बनाएगा, जबकि NDDB (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) पहले चरण में 56,500 डेयरी सहकारी समितियां और एनएफडीबी (राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड) 6,000 मत्स्य सहकारी समितियां बनाएगा, दूसरे चरण में नाबार्ड 45,000 मल्टीपरपज पैक्स बनाएगा.
इसके अलावा राज्य सरकारें भी लगभग 25,000 नई सहकारी समितियां बनाएंगी. शाह ने बंद पड़े पैक्स के परिसमापन के लिए मानक सीए संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की, जो 15,000 गांवों में नई समितियों की स्थापना करने में सक्षम बनाएगी. डीडब्ल्यू वर्तमान मानदंडों के तहत, एक ही क्षेत्राधिकार में दूसरा पैक्स स्थापित नहीं किया जा सकता है जहां पहले से मौजूद है, जब तक कि इसे बंद घोषित नहीं किया जाता है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सहकारी समितियों को स्थानीय लोगों खासकर महिला-नेतृत्व वाली पंचायतों को मजबूत बनाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के वित्तीय समावेशन, ग्रामीण कृषि और कुटीर उद्योग के विकास, रोजगार सृजन और नारी और सामाजिक मजबूती का मुख्य जरिया है.