नकली खाद्य पदार्थों पर नीतीश सरकार का हंटर, शुरू होगा टेस्टिंग का महा-अभियान!

नकली खाद्य पदार्थों पर नीतीश सरकार का हंटर, शुरू होगा टेस्टिंग का महा-अभियान!

राज्य सरकार ने नकली खाद्य उत्पादों की तस्करी और बिक्री पर लगाम लगाने की दिशा में उठाया बड़ा कदम. उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने की उच्च स्तरीय बैठक जहां अप्रामाणिक खाद्य उत्पादों की तस्करी और बिक्री पर रोक लगाने को लेकर अधिकारियों को दिए सख्त आदेश.

Deputy CM Vijay SinhaDeputy CM Vijay Sinha
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Mar 25, 2025,
  • Updated Mar 25, 2025, 7:00 PM IST

बिहार में बाहर से आने वाली अप्रामाणिक खाद्य उत्पादों की तस्करी और बिक्री पर राज्य सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. राज्य के उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री  विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को पटना के विकास भवन में अप्रामाणिक लहसुन, हल्दी, चावल और अन्य खाद्य उत्पादों की तस्करी और बिक्री से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में कृषि, स्वास्थ्य, गृह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी परिसर  के वैज्ञानिकों ने भाग लिया. 

नकली खाद्य उत्पादों पर रोक को लेकर सरकार सख्त 

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार के किसान खाद्यान्न, सब्जियां, फल और औषधीय पौधों का उत्पादन करते हैं. उनकी क्वालिटी सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है, ताकि नकली या अप्रामाणिक खाद्य पदार्थों की आपूर्ति पर रोक लगाई जा सके. इसके लिए  संदिग्ध खाद्य उत्पादों की सैंपलिंग और परीक्षण की व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत है. साथ ही, नकली खाद्य पदार्थों की पहचान के लिए राज्यभर में टेस्टिंग अभियान चलाया जाए. आगे उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों और संवेदनशील क्षेत्रों में संदिग्ध उत्पादों की सतत निगरानी बढ़ाने की जरूरत है. 

ये भी पढ़ें: बिहार में बढ़ते तापमान से गेहूं-जौ को खतरा, फसल बचाने के लिए सजग रहें किसान

नकली उत्पादों को लेकर टास्क फोर्स का होगा गठन

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यालय स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक खाद्य श्रृंखला में संदिग्ध उत्पादों की रोकथाम के लिए निरीक्षण की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही  नकली खाद्य उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए स्थानीय बाजारों, थोक विक्रेताओं, गोदामों और परिवहन साधनों की सघन जांच के लिए एक संयुक्त कार्यबल (टास्क फोर्स) गठित किया जाएगा. इसके अलावा, नकली खाद्य और कृषि उत्पादों के व्यापार में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. 

खाद्य सुरक्षा मानकों को लिखना अनिवार्य 

बीते दिनों कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा fpo मेले में लगे कृषि उत्पादों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट नहीं होने से काफी नाराज हुए थे. जिसके बाद उन्होंने बैठक में एकबार फिर खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) और अन्य एजेंसियों के माध्यम से क्वालिटी, संरचना और वैधता तिथि को अनिवार्य रूप से अंकित करने पर जोर दिया. आगे उन्होंने ने कहा कि राज्य में किसानों को देसी उत्पादों की खेती और बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिले और किसानों की आय में वृद्धि हो.

ये भी पढ़ें: पटना में पहली बार पैरा-वेट कोर्स, BASU को सरकार की हरी झंडी का इंतजार! 

नकली खाद पदार्थों को लेकर जागरूकता जरूरी

कृषि मंत्री ने कहा कि  नकली खाद्य उत्पादों के दुष्प्रभावों को लेकर आम जनता और किसानों को जागरूक करना बेहद जरूरी है. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिससे लोग नकली और असली उत्पादों की पहचान कर सकें. इसके लिए  कृषि विश्वविद्यालयों और स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित प्रयोगशालाओं में संदिग्ध खाद्य उत्पादों की सैंपलिंग और परीक्षण की संख्या बढ़ाई जाएगी. साथ ही, आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा से जुड़े सभी विभाग समयबद्ध कार्य योजना के तहत काम करेंगे और नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी.

 

MORE NEWS

Read more!