Kisan Diwas: इन राज्यों में महिला किसानों की भागीदारी बढ़ी, 18 से 22 फीसद अधिक कमा रहे आमदनी

Kisan Diwas: इन राज्यों में महिला किसानों की भागीदारी बढ़ी, 18 से 22 फीसद अधिक कमा रहे आमदनी

वेदांता एल्युमिनियम ने किसान दिवस पर ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 20,000 से अधिक किसानों को तकनीक और निरंतर खेती के तरीकों से सशक्त बनाने की अपनी बढ़ोतरी दोहराई. महिला और पुरुष किसान नई तकनीक, डिजिटल उपकरण, पानी और मिट्टी की सुरक्षा, फसल एवं पशुपालन में सुधार के माध्यम से अपनी उत्पादकता और आय बढ़ा रहे हैं.

खेतों में महिलाओं की ताकत खेतों में महिलाओं की ताकत
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Dec 22, 2025,
  • Updated Dec 22, 2025, 2:09 PM IST

किसान दिवस के मौके पर वेदांता एल्युमिनियम ने देश के किसानों के लिए अपने खास कामों का जश्न मनाया. कंपनी ने बताया कि वह ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 20,000 से ज्यादा किसानों की मदद कर रही है. इसका मकसद है किसानों की ज़मीन, पानी और फसल को मजबूत करना और उन्हें नई तकनीक और आसान तरीके देना. इन 20,000 किसानों में 12,000 महिलाएं और 8,000 पुरुष शामिल हैं. इसका मतलब है कि कंपनी हर किसी को बराबर मौका देती है.

झारसुगुड़ा और कलाहांडी (ओडिशा) और कोरबा (छत्तीसगढ़) के किसान अब ज्यादा फ़सल उगा रहे हैं और उनकी आमदनी भी बढ़ी है. किसानों ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में नई तकनीक अपनाकर 15-20% ज्यादा फ़सल उगाई और 18-22% अधिक आमदनी पाई.

नई तकनीक और पुराना तरीका

वेदांता एल्युमिनियम के प्रोजेक्ट्स जैसे मोर जल मोर माटी (छत्तीसगढ़) और वेदग्राम, संगम (ओडिशा) किसानों को दिखाते हैं कि कैसे पुराने तरीकों को नई तकनीक के साथ मिलाकर खेती बेहतर बनाई जा सकती है. कंपनी ने बड़े संस्थानों जैसे ICAR-CTCRI के साथ मिलकर लाल मिट्टी को अच्छे खाद में बदलने की कोशिश की है. NABARD के साथ मिलकर किसान और ग्रामीणों को नए हुनर और आधुनिक खेती सिखाई जा रही है.

डिजिटल खेती और स्मार्ट पशुओं की देखभाल

कंपनी ने किसानों के लिए डिजिटल टूल भी पेश किए हैं, जैसे आयुष्मान काउ फिट कॉलर, डिजिटल AI गन और ऑटोमेटेड मौसम और पानी स्टेशन. ये टूल किसानों को यह समझने में मदद करते हैं कि अपनी फसलों और जानवरों की देखभाल कैसे करें, जिससे वे कम मेहनत में ज़्यादा मुनाफ़ा कमा सकें.

ओडिशा में खेती का नया तरीका

ओडिशा में 60 से ज्यादा गांवों के 12,000 किसान वेदग्राम और संगम प्रोजेक्ट्स से लाभ उठा रहे हैं. ये प्रोजेक्ट्स मिट्टी की सेहत, पानी बचाना और फल-फूल वाली खेती सिखाते हैं. किसान अब पानी कम खर्च करके ज्यादा धान उगा पा रहे हैं. साथ ही पशुपालन और ऑर्गेनिक खेती के नए तरीके भी सीख रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में पानी और खेत की ताकत बढ़ाना

छत्तीसगढ़ में मोर जल मोर माटी प्रोजेक्ट से 8,000 किसान फायदा उठा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में किसानों को सोलर पंप, डिजिटल जानवरों की देखभाल और मशीनों का इस्तेमाल सिखाया जा रहा है. साथ ही लैक (lac) की खेती से भी उन्हें अतिरिक्त आमदनी मिल रही है.

सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर

केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे पीएम-किसान, फसल बीमा योजना और डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के साथ वेदांता के काम जुड़ते हैं. ये सब मिलकर किसानों को सशक्त और तकनीकी रूप से तैयार बनाते हैं. कंपनी प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हुए किसानों की आमदनी बढ़ा रही है.

सतत विकास और पर्यावरण की देखभाल

वेदांता एल्युमिनियम के प्रोजेक्ट SDGs 1, 8, 9 और 13 में योगदान देते हैं, जिनमें गरीबी खत्म करना, रोज़गार पैदा करना, इनोवेशन को बढ़ावा देना और पर्यावरण की रक्षा करना शामिल है. कंपनी फसल के कचरे से बायोफ्यूल बनाती है और पर्यावरण की रक्षा के लिए रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल कर रही है.

शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं की ताकत

खेती के अलावा वेदांता एल्युमिनियम शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और महिलाओं की मदद भी कर रही है. अब तक 7 लाख से ज्यादा लोग ओडिशा और छत्तीसगढ़ में कंपनी के प्रोजेक्ट्स से लाभान्वित हो चुके हैं. कंपनी का सपना है कि ग्रामीण और औद्योगिक विकास साथ-साथ बढ़ें और हर कोई खुशहाल बने.

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